उत्तराखंड में भाजपा और कॉंग्रेस के आधा दर्जन से अधिक विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है, इनकी सुरक्षा को लेकर पुलिस द्वारा इतनी लापरवाही है कि देहरादून में 70 विधायकों वाले विधायक आवास में सिर्फ 2 पुलिस गार्ड ही तैनात हैं. जिसका खुलासा भाजपा और कांग्रेस के आधे दर्जन से ज्यादा विधायको का पत्र इस बात की पुष्टि कर रहे हैं.
विधायको ने पुलिस अधिकारियों की इस लापरवाही पर आधे दर्जन से ज़्यादा विधायकों ने नाराज़गी जताई है,बीते सोमवार को धर्मपुर के बीजेपी विधायक विनोद चमोली समेत बीजेपी विधायक महेश नेगी,टिहरी विधायक विजय सिंह पवार, सल्ट विधायक सुरेंद्र सिंह जीना, के अलावा कांग्रेस से धारचूला विधायक हरीश धामी,रानीखेत विधायक करण माहरा और केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने एक संयुक्त पत्र लिखते हुए हैं विधायको की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल उठाया है.
देहरादून एसएसपी को लिखे पत्र में कहा है कि विधयक आवास (एमएलए टूरिस्ट हॉस्टल) में सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील स्थान है जहां पर विधायकों निवास करते है
यह पर वर्तमान समय में एक से दो पुलिस ही विधायक आवास में तैनात हैं इसके साथ ही CCTV कैमरों के लिए भी LIU का कोई कर्मचारी तैनात नहीं है.
विधायको की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भाजपा और कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में भी नियम 300 के तहत व्यवस्था का प्रश्न उठाया था, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने खुद विधायक आवास का दौरा किया था. विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों की सुरक्षा एवं सुविधा पर विशेष ध्यान देने के लिये निर्देश जारी किए थे बावजूद इसके पुलिस महकमें के अधिकारी की इसका संज्ञान नहीं ले रहे हैं.
साथ ही अब विधायको को अपनी सुरक्षा का डर सताने लग गया है जब विधायको को डर सता रहा है तो फिर जनता का क्या हाल होगा जो अपनी सुरक्षा अपने आप करते है,आखिर 5 साल बाद कोन इनकी सुरक्षा करेगा,जब यह जनता के बीच होंगे,