उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र के पहले दिन महंगाई व सडक का मुद्दा सदन में छाया रहा। कांग्रेस विधायकों ने सदन के भीतर गैस सिलेंडर का मॉडल, लहसुन-प्याज की माला लेकर प्रदर्शन किया। महंगाई रोकने के सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस ने सदन का सांकेतिक बहिष्कार किया। सुबह सत्र की शुरूआत ही प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्दयेश के नेतृत्व में कांग्रेस ने महंगाई के मामले को उठाया। ओर चर्चा को मांग की , विधानसभा अध्यक्ष के आश्वासन पर प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में इंदिरा ने महंगाई के मुददे पर सरकार को घेरकर कहा कि हर चीज महंग होती जा रही है। प्याज का दाम 100 रुपये से ऊचर चला गया है। हर वर्ग परेशान है और सरकार नाकाम साबित हो रही है।प्रीतम सिंह ने महंगाई के साथ बेरोजगारी का मुददा भी उठाया।
चर्चा के दौरान 1.25 बजे विस अध्यक्ष ने सत्र को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। तीन बजे सत्र दोबारा शुरू हुआ तो कांग्रेस ने फिर से महंगाई पर सरकार से जवाब मांगा।
संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने विपक्ष के आरेापों को खारिज करते हुए कहा कि कई राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड में आज भी महंगाई नियंत्रण में है।पर विपक्ष सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ।
विधेयक: फल पौधशाला विधेयक, राज्य विधान मंडल (अनर्हता निवारण) संशोधन विधेयक माल और सेवा कर संशोधन विधेयक
अध्यादेश: उत्तराखंड मंत्री (वेतन भत्ता और प्रकीर्ण उपबन्ध ) संशोधन विधेयक 2019 अध्यादेश, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन अध्यादेश, उत्तराखंड/उत्तर प्रदेश लोक सेवा शारीरिक रूप से विकलांग स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1993 संशोधन अध्यादेश, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद संशोधन विधेयक 2019 अध्यादेश, उत्तराखंड पंचायती राज ( द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, भूतपूर्व मुख्यमंत्री (सुविधा आवासीय एवं अन्य सुविधाएं) अध्यादेश को पटल पर रखा गया।
सदन मे दो अहम प्रस्ताव भी पेश किए।
पहला प्रस्ताव कुमाऊं विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में विधानसभा के पांच सदस्यों को नामित किया जाएगा। इनका कार्यकाल तीन साल होगा।
दूसरा प्रस्ताव दिव्यांग सलाहकार बोर्ड का था। इसमें बोर्ड में तीन विधायकों को नामित किया जाना है।