उत्तराखंड में सरकारी व अर्धसरकारी विभागों में लगभग 21 हज़ार कर्मचारी काम करते है और अब सरकारी व अर्धसरकारी विभागों को कर्मचारियों को समय से वेतन व भुगतान नही देंगे तो उनको लगभग 80 से 90 लाख रुपये ईपीएफ जुर्माने के रूप में अदा करने पड़े। साथ ही विभाग को 5 से 25 प्रतिशत तक जुर्माना चुकाना पड़ेगा। और इसी जुर्माने की राशि पर 12 फीसदी की दर से विभाग को ब्याज अदा करना होगा।
वही उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर (सेनि) पीपीएस पाहवा ने सभी विभागों सूचना भेज दी है और सरकार से अनुरोध किया है। सभी विभागों को दिशानिर्देश जारी कर दिया है,
ईपीएफ ऐक्ट में साफ लिखा है कि 1952 के तहत कर्मचारी का अंशदान वेतन अवधि के 15 दिन से पहले जमा करना अनिवार्य होगा, ओर 15 दिन के अंदर ईपीएफ का अंशदान जमा नहीं होता तो संबंधित
सरकारी व अर्धसरकारी विभागों को जुर्माना देना होता है।
उपनल विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों ने उपनल बिभाग के इस आदेश पर खुशी जताई है,