जंगली जानवरों को फ़साने के लिए लगाई गई तार के फंदे पर फसे गुलदार के सावक की मौत,होने पर बन विभाग की रेस्क्यु टीम पर सवाल उठाने लग गए है कि वन विभाग की रेस्क्यू टीम एक गुलदार के शावक को नहीं बचा पाई जिसकी रेस्को के दौरान मौत हो गई
टिहरी जिले के घनसाली के बालगंगा रेंज के केमरियासोड गाँव मे जंगली जानवरों को फ़साने के लिए लगाए गई फाँसी पर फसा गुलदार का सावक गुलदार के सावक के फांसी पर फसने की सूचना स्थानीय ग्रामीणों ने बालगंगा रेंज को दी जिसके बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुँच स्थानीय लोगों के साथ गुलदार के सावक का रेस्क्यू कर फाँसी से छुड़वाकर पिजरे में कैद किया पिजरे के कैद करते ही सावक ने दम तोड़ दिया जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों के पसीने छूट गए हैरानी की बात यह है कि वन विभाग द्वारा बिना डॉक्टर की टीम और बिना एक्सपर्ट के गुलदार के सावक का रेस्क्यू किया जिसके बाद सावक की मौत हो गयी
गुलदार की सुरक्षा के लिए एक और सरकार लाख दावे कर रह है वही बालगंगा रेंज का वनविभाग सवालों के घेरे ने नजर आ रहा है कि आखिर खुले जंगल में किसके द्वारा फाँसी लगाई गई जिससे गुलदार के सावक की फसकर मौत हो गयी
रेस्क्यू से पहले सावक था जिंदा वन विभाग व ग्रामीणों के रेस्क्यू के बाद सावक की मौत ।
गुलदार के सावक को देखने के लिए स्थानीय लोगों की लगी भीड़
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