टिहरी जहां विश्व में कोरोनोवायरस की दहशत से लोग डरे सहमे हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है।
भारत सरकार लोगों को जागरूक करने में लगा है। उत्तराखंड सरकार ने भी सभी सरकारी स्कूलों में 31 मार्च तक छुट्टी कर दी है और सिनेमाघरों, भीड़भाड़ वाले इलाकों, बैठकें व प्रोग्राम इत्यादि रद्द कर दिए गए हैं। लेकिन उत्तराखण्ड सरकार ने तीन दिन का टिहरी झील महोत्सव कोटी में करने जा रही है, जिसमें देश-विदेश व कई राज्यों के लोग टिहरी झील महोत्सव में हो रहे कार्यक्रमों में प्रतिभाग करेंगे तथा टिहरी झील को विश्व के मानचित्र पर लाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे टिहरी झील महोत्सव में देश-विदेश व देश के अन्य राज्यों से आ रहे पर्यटकों के कारण यहां पर कोरोना वायरस फैलने की संभावना है जिसको देखते हुए स्थानीय लोगों ने इसका पुरजोर विरोध किया है और मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है कि टिहरी झील महोत्सव को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया जाए। जिससे लोगों का जीवन कोरोनावायरस जैसे महामारी से बच सकें।
सामाजिक कार्यकर्ता सुशील बहुगुणा व वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र दुमोगा ने कहा कि पहले जीवन है उसके बाद मेले। अगर जीवन रहेगा तो जिंदगी में मेले ही मेले देखने को मिलेंगे और कहा कि पहाड़ों में अभी तक कुरोना वायरस जैसी महामारी से दूर है और इस तरह के आयोजन पहाड़ों में होना कचरोना वायरस को न्योता देना है। इसलिए सरकार से अनुरोध किया कि कार्यक्रम को कुछ समय के लिए स्थगित कर जून-जुलाई में इस कार्यक्रम को किया जाए। जिस दौरान वायरस की फैलने की संभावना न रहे।