टिहरी जिले में प्रतापनगर के भेलुन्ता गांव के रहने वाले भगत लॉकडाउन के चलते अपनी पत्नी का समय पर इलाज नहीं करा पाए, जिस कारण उनकी पत्नी की मौत हो गई. भगत का एक चार वर्ष का बच्चा भी है.पत्नी की मौत से आहत भगत कह कि कहीं की भी सरकारों ने मेरी कोई मदद नहीं की और उनकी पत्नी को अपनी जान गंवानी पड़ी.
भेलुन्ता निवासी भगत हरियाणा के रोहतक जिले के विशाल नगर के एक होटल मेंं काम करते था और साथ मे पत्नी और उनका एक चार साल का बच्चा भी रहता था भगत की पत्नी शांता देवी की तबीयत पांच दिनों से खराब थी लॉकडाउन के चलते भगत अपनी पत्नी का इलाज नहीं करवा पाए.
लॉक डाउन के चलते होटल मालिक ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया और उसके बाद मकान मालिक ने भी उन्हें मकान से निकाल दिया जैसे तैसे भगत ने कही और कमरा किराया पर लिया तो इस सब के बीच भगत अपनी पत्नी का इलाज भी नहीं करा पाए. सोमवार रात को उनकी पत्नी शांता देवी की तबीयत ज्यादा खराब होने पर पीजीआई लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उनकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया.
सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था न होने पर भगत ने अपने कुछ साथियों की मदद से चंदा इक्क्ठा करके किसी तरह से 15,000 रुपये में प्राइवेट एंबुलेंस बुक करके अपनी पत्नी की डेड बॉडी लेकर अपने गांव आज मंगलवार को लाये
भगत ने आरोप लगाया कि चाहे वो हरियाणा हो या उत्तराखंड की सरकार किसी भी सरकार ने उसकी मदद नहीं की और इस लॉकडाउन के चलते उनकी पत्नी को अपनी जान गंवानी पड़ी
अब मेरे चार साल के बच्चे का क्या होगा लॉक डाउन के चलते में एक सप्ताह से अपने घर जाने के लिए पास बनवाने हेतु लगा रहा लेकिन किस ने ध्यान नही दिया जिस कारण आज सरकार की खामियों के कारण मुझे अपनी पत्नी की मौत हो