उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ निवासी विजयराज परमार असम राइफल में नौकरी करते हैं। आजकल उनकी तैनाती त्रिपुरा बॉर्डर पर है। उनकी बेटी अनामिका का विवाह जुणगा निवासी धर्मेंद्र के साथ तय हुआ था। इस बीच कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन होने के कारण विजयराज बेटी की शादी के लिए चिन्यालीसौड़ नहीं पहुंच पाए। शादी की तैयारियां पूरी होने के कारण परिजनों ने नियत तिथि पर ही शादी कराने का फैसला लिया
चिन्यालीसौड़ लॉकडाउन के चलते त्रिपुरा में तैनात असम राइफल के विजयराज परमार उत्तराखंड के चिन्यालीसौड़ में हुई अपनी बेटी अनामिका की शादी में शामिल नहीं हो पाए। उनकी अनुपस्थिति में छोटे भाई ने बेटी का कन्यादान किया। जबकि पिता ने वीडियो कॉलिंग के द्वारा अपनी बेटी को विदाई दी।
वधु अनामिका और उसकी मां ममता परमार ने कहा कि सभी की इच्छा थी कि इस मांगलिक कार्य में पिता भी शामिल होते। लेकिन लॉकडाउन के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया। इसका उन्हें जिंदगी भर मलाल रहेगा। ओर हमारे हिन्दू रीति रिवाज में है कि जब शादी तय हो जाय तो टालनी नही चाहिए,
वही दुल्हन अनामिका ने कहा कि शादी तय हो गई थी लेकिन मेरे पिता चाचा आते तो शादी में रौनक कुछ और होती लेकिन लॉक डाउन के कारण नही आ पाए जिस कारण हमें सीमित हो कर शादी करनी पड़ी
प्रशासन से अनुमति लेकर बृहस्पतिवार को महज पांच लोगों की मौजूदगी में शादी की रस्में पूरी की गईं। पिता की अनुपस्थिति में उनके छोटे भाई ने ही बहन का कन्यादान किया।
विदाई के समय भावुक कर देने वाला दृश्य देखने को मिला। जब पिता विजयराज परमार ने वीडियो कॉलिंग के जरिए ही अपनी बेटी को विदाई दी।