टिहरी,जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कार्यभार ग्रहण करते ही एक्शन मोड में आ गए और सबसे पहले कोरोना से निपटने के लिए पहाड़ का मुख्य द्वार ऋषिकेश में ही कोरोना को रोकने का प्रयास करने के साथ-साथ बाहर से आने वाले प्रवासी लोगों को कोरनटाइन करने के लिए व्यवस्था बना दी ताकि कोरोना से संक्रमित लोग पहाड़ों में ना जा सके और उनका सैंपल लेकर ऋषिकेश में ही टेस्ट करवाए जाए टेस्ट होने के बाद रिपोर्ट के आधार पर लोगो को उनके गांव भेज दिया जाएगा
जिलाधिकारी के इस तरह के प्रयास से अब टिहरी जिले में चर्चाएं होने लग गई हैं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल इससे पहले रुद्रप्रयाग में भी अपनी कार्यशैली को लेकर जनता के बीच काफी चर्चित थे और अब टिहरी में भी अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाओं में आ गए हैं टिहरी के लोगों की जुबां पर एक ही बात है कि जिलाधिकारी हो तो ऐसा हो, जिसमें काम करने का और जनता की सेवा करने का जुनून हो इस तरह के जिलाधिकारी की कार्यप्रणाली से पहाड़ का विकास हमेशा आगे ही बढ़ता है,
कोरोना को लेकर पिछले दो महीने से सुस्त गति से चल रहे टिहरी जिले को, नवनियुक्त डीएम मंगेश घिल्डियाल ने आते ही जिले का प्रशासनिक अमला भी एक्शन में आ गया है। कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे दिन सुबह खुलते ही डीएम ने मुनिकीरेती पहुंचकर व्यवस्थाओ का जायजा लिया ,
ओर मुनिकीरेती में ही प्रवासियों को क्वारंटाइन करने की तैयारी को लेकर होटल मालिको से चर्चा की । डीएम ने कहा की इस मुहिम में सभी होटल व्यवसायियों की मदद ली जाएगी। प्रवासियों को अब होटल में ही ठहराया जाएगा, जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो।
जिलाधिकारी घिल्डियाल ने कहा कि होटल में सभी तरह की व्यवस्था प्रशासन करेगा। अगर कोई होटल कारोबारी अपना स्टाफ देना चाहता है, तो दे सकता है। नहीं तो प्रशासन की ओर से पीआरडी के जवानों को लगाया जाएगा। डीएम ने एसडीएम युक्ता मिश्रा को निर्देश दिए कि क्वारंटाइन सेंटर में बेहतर खाने की व्यवस्था की जाए। इसके लियेपूर्ति अधिकारी को नोडल बनाया गया है।
दरअसल, अभी तक ऋषिकेश में प्रवासियों को रुकवाने के लिए प्रशासन ने कोई ठोस व्यवस्था नहीं की थी। इसके चलते सभी प्रवासी टिहरी पहुंच रहे थे और टिहरी में अचानक कोरोना के मामले बढ़ गए, लेकिन अब प्रशासन ऋषिकेश में ही प्रवासियों को क्वारंटाइन करेगा।
प्रवासियों को क्वारंटाइन करने को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बड़ी संख्या में उत्तराखंड लौटने वाले प्रवासियों को लेकर आ रही परेशानियों को देखते हुए मुनिकीरेती के गंगा रिजॉर्ट जीएमवीएन अतिथि गृह में अधिकारियों और होटल आश्रम संचालकों की बैठक बुलाई। ओर विभिन्न प्रांतों से जितने भी प्रवासी लौट रहे हैं, उन्हें प्रशासन स्कूल, पंचायतघरों और गांव में क्वारंटाइन कर रहा है। वर्तमान में इनकी संख्या तेजी के साथ बढ़ गई है। मुनिकीरेती जनपद की सीमा पर स्थित है। यहां पर्याप्त संख्या में धर्मशाला, आश्रम, लॉज, होटल और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट स्थित है। इनमें प्रवासियों की कैसे व्यवस्था की जाए इस विषय पर इनके संचालकों से बात की गई है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। ओर मुनिकीरेती, तपोवन, ढालवाला क्षेत्र में चार से पांच हजार लोगों को ठहरा सकते हैं। इनके भोजन, सैनिटाइजेशन और सफाई को लेकर होटल मालिकों आश्रम संचालकों ने अपनी शंका जाहिर की है। इसपर डीएम ने कहा कि जिस कक्ष में प्रवासी रहेगा उसकी सफाई और प्रवाशी स्वयं करेगा। शेष व्यवस्था प्रशासन, नगर पालिका के सहयोग से करेगा। वहीं, ओंकारानंद इंस्टीट्यूट में खाने को लेकर हो रहे विवाद की बाबत उन्होंने कहा कि बैठक बुलाने का एक कारण यह भी है कि भोजन संबंधी मामलों का निस्तारण हो जाए। इसलिए लोगों के ठहरने की व्यवस्था को और अधिक बढ़ा रहे हैं। साथ ही मुनी की रेती में रोके गए लोगों में जिनके सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आते हैं उन्हें घरों के लिए भेजा जाएगा।
बैठक में एसएसपी टिहरी वाईएस रावत मुख्य विकास धिकारी अभिषेक रोहिला, एडिशनल एसपी उत्तम नेगी, उप जिलाधिकारी युक्ता मिश्रा, सीओ नरेंद्र नगर पीके शाह, थाना प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी आदि मौजूद रहे।