गाव की पगडण्डी से रेड कारपेट का सफर करने वाले टिहरी जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल गढ़वाली बोली भाषा को लेकर काफी चर्चा में हैं गढ़वाली में बात करने से और गढ़वाली में लोगों को समझाने पर डीएम मंगेश घिल्डियाल गांव की महिलाओं व जनता के बीच में अच्छी जगह बना रहे हैं
वैसे तो कहा जाए बहुत ही कम ऐसे अधिकारी होंगे जो ऊंचे पदों पर रहते हुए भी गढ़वाली भाषा में जनता से बात करते हैं ,ओर टिहरी के जिला अधिकारी मंगेश घिल्डियाल गढ़वाली में बात करके अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं और कहते हैं कि गढ़वाली भाषा में लोगों को समस्या सुनकर फिर गढ़वाली में ही समझाकर समाधान निकालने पर आनंद मिलता है,
यह टिहरी का सौभाग्य है कि टिहरी को ऐसा जिलाधिकारी मिले हैं जो जनता से सीधे गढ़वाली में संवाद करते हैं और उनके समस्याओं को सुनकर गढ़वाली में ही समझाते हैं
टिहरी जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने वी गढ़वाली फेसबुक पेज में लाइव आकर गढ़वाली गाना गया,यह तक कि पलायन से लेकर विकाश के मामले में सभी तरह के गाना गाया ,
डीएम मंगेश ने पुरानी टिहरी पर नरेंद्र सिंह नेगी द्वारा गया हुआ गाना, आ भरी दन्तु लम्ब छुट्टी लीक अ जा ,टिहरी डूबणा लगु छा बेटा, गाना गाकर टिहरी वाशियो के साथ साथ जो पुरानी टिहरी से अन्य जगह विस्थापित हुए है सबके चहते बन गए है,
डीएम डीएम मंगेश घिल्डियाल की कहानी एक आम पहाड़ी की है यानी विरासत में संघर्ष और त्याग की कथा है मंगेश घिल्डियाल संघर्ष की भट्टी में तपकर कुंदन बने हैं और आज अपनी चमक पूरे प्रदेश में बिखर रहे हैं आईएएस मंगेश घिल्डियाल का जन्म पौड़ी जिले के धुमाकोट तहसील के तहत डंडयू गांव में हुआ उनके पिता प्राइमरी स्कूल में टीचर थे और माता ग्रहणी ,मंगेश की प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय डांडायू गांव से हुई इसमें आगे की पढ़ाई के लिए वह गांव से 5 किलोमीटर दूर राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने जाते थे उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई राज के इंटर कॉलेज राजनगर से की और बीएससी राजकीय इंटर कॉलेज रामनगर से किया बीएससी के बाद एमएससी फिजिक्स नैनीताल कुमाऊं यूनिवर्सिटी से किया 2006 में डीआरडीओ में साइंटिस्ट के रूप में तैनाती हो गई
आगे के एपिसोड में ताजा खबर उत्तराखंड टिहरी डीएम मंगेश घिल्डियाल का सम्पूर्ण जीवन परिचय से अवगत करवायेंगे,
इस खबर में वीडियो वी गढ़वाली फेसबुक पेज के सौजन्य से प्रसारित