देहरादून,उत्तराखंड राजभवन में पिछले दो साल से अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मुसीबत बना बंदरों के सरदार को वन विभाग और रेस्क्यू टीम ने मशक्कत के बाद पकड़ लिया। उसके बाद इसे हरिद्वार के चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है। इसे पकड़ने के लिए देहरादून, हरिद्वार और मथुरा से टीम बुलाई गई थी।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ‘अल्फा बंदर’ पिछले दो साल से लगातार राजभवन में मुसीबत का सबब बना हुआ था। यह कई बार अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमले की कोशिश कर चुका था। इसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीमों ने राजभवन परिसर में कई बार पिजड़ा लगाया। जाल फैलाकर पकड़ने की कोशिश भी की। लेकिन, हर बार वह बच कर निकल जाता था। आखिर कल दो साल बाद वन विभाग और रेस्क्यू टीम की ओर से लगाए गए पिंजड़े में फंसा। उसके बाद कर्मचारियों और अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
मालसी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह रावत ने कह कि ‘अल्फा बंदर’ बंदरों के एक झुंड का नेता होता है। यह बेहद समझदार व चालाक होता है। यह प्अपनी पूछ खड़ी रखता है। साथ ही पूछ का अंतिम हिस्सा मोड़कर रखता है। इससे झुंड के बाकी बंदर अंदाजा लगाते हैं कि यही हमारा नेता है। अल्फा बंदर अपनी आवाजों से झुंड के बाकी बंदरों को खतरों से आगाह करता रहता है। यह बंदर झुंड में सबसे आगे चलता है। उसके दिए संकेतों के आधार पर झुंड के बाकी बंदर आगे बढ़ते है
बन्दर को पकड़ने के लिए सरकार बन बिभाग के माध्यम से लगातार प्रयास करती है