टिहरी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुमन आर्य द्वारा चम्बा स्वास्थ्य केंद्र मे लैब टेक्निसियन के पद पर कार्यरत महिला को बर्खास्त करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी का कहना है की संगठन इसका पुरजोर बिरोध करेगा और जरुरत पड़ी तो कार्य बहिष्कार भी किया जायेगा.
आपको बता दे मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा संविदा कर्मचारी महिला जो कि चम्बा मे माइक्रोस्कोपिस्ट के पद पर कार्यरत थी को चम्बा से कोरोना ड्यूटी पर नरेन्द्रनगर भेजा गया था परन्तु महिला द्वारा अपने सात साल के छोटे बच्चे के साथ मे होने व पति के डायबिटीज मरीज होने के कारण नरेन्द्रनगर ना भेजनें के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी से गुहार लगाई थी परन्तु मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा आदेश की अवहेलना पर उक्त महिला की सेवाएं समाप्त करने के आदेश दे दिये गए हैं जिसका आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संगठन ने कड़ा बिरोध किया एवं कार्य बहिष्कार के साथ ही प्रदेश ब्यापी आंदोलन की बात भी कही. उनका कहना है की जब सरकार ने इन लोगों को लैब टेक्निसियन माना ही नहीं तो मुख्य चिकित्साधिकारी किस अधिकार से उक्त महिला की ड्यूटी कोरोना मे नरेन्द्रनगर मे लगा रही हैं ।उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी 50% ही लगाई जाती है जबकि एनएचएम कर्मियों की ड्यूटी पूर्णता शत-प्रतिशत लगाई गई है।शासन द्वारा भी यही आदेश थे कि 50% कर्मचारियों की ड्यूटी ही लगाए जाए।
एनएचएम के कर्मचारियों ने करुणाकरण में ईमानदारी व निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जिसका मुख्य चिकित्सा अधिकारी टर्मिनेट कर के इनाम दे रही है।
वहीँ मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुमन आर्य द्वारा एक आशा कार्यकर्ति को भी आदेश की अवहेलना करने पर सेवा समाप्ति के आदेश दिये गए जिस पर संगठन द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही गई है.
वही मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुमन आर्य से पूछे जाने पर उनका कहना था कि कोरोना जैसी महामारी मे सभी को आदेशानुसार कार्य करना होगा क्योंकि कोविड मे किसी की भी ड्यूटी कही पर भी लगाई जा सकती है । उनका कहना है कि उक्त महिला को दो बार वार्निंग भी दी गई थी कि आप ड्यूटी ज्वाइन कर ले। लेकिन उनके द्वारा अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है।