डोबरा चांठी पुल पर जगमगाती लाइट को देखने उमड़ने लगी भीड़ व पर्यटक

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42 किलोमीटर की विशालकाय झील पर बना भारत का सबसे सबसे लंबा संस्पेशन मोटरेबल झूला पुल डोबरा-चांठी लोकार्पण के बाद पूरी तरह से आम जनता के लिए खुल गया है। आम लोगों और पर्यटकों की आवाजाही से डोबरा क्षेत्र में रौनक बढ़ गई है। पुल देखने वालों की भीड़ के चलते टिहरी-डोबरा व चंबा-डोबरा सड़क मार्ग पर वाहनों की आवाजाही भी बढ़ गई है।

लगभग 14 साल बाद तीन अरब रुपये की लागत से बना प्रतापनगर क्षेत्र के लोगों की लाइफ लाइन कहा जाने वाला डोबरा-चांठी पुल शबाब पर है। पुल दोहपर में आम लोगों के साथ टूरिस्टों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। वहीं रात को फसाड लाइटों से जगमगाते इस पुल पर स्थानीय ग्रामीणों सहित टूरिस्टों की आवाजाही देखी जा रही है।

पुल पर सेल्फी सहित फोटो खिंचवाने वालों का तांता लगने लगा है। डोबरा-चांठी पुल के साथ लोगों की फोटो से सोशल साइटें भी अटी पड़ी हैं। जिला प्रशासन ने भी डोबरा में बोटिंग प्वाइंट बनाने की कवायद शुरू कर दी है। आने वाले समय में व्यवसायिक गतिविधियां भी यहां पर बढ़ने की उम्मीदें हैं। ब्लाक प्रमुख प्रदीप रमोला व जिला पंचायत सदस्य जयवीर रावत ने टिहरी व चंबा से डोबरा तक जाने वाले सभी सड़कों की चौड़ीकरण के साथ अंधे बैंडों को दुरुस्त करने की मांग की है।

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डोबरा चांठी पुल देश का सबसे पहला और लंबा भारी वाहन झूला पुल है। अभी तक देश मे इतना लंबा भारी वाहनों का झूला पुल नही था। देश मे कई अन्य लम्बे केबल स्टे और कंक्रीट के पुल तो बने हैं लेकिन भारी वाहन झूला पुल की श्रेणी का यह पहला पुल है। पुल में 440 मीटर लंबा मुख्य स्पान है। जबकि एप्रोच रोड मिलाकर पुल की दूरी725 मीटर है। इसमें 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड और 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी साइड है। पुल की कुल चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर है, जबकि फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है। पुल पर साढ़े पांच करेाड़ की लागत से फसाड लाइटिंग सिस्टम लगा है जिसमें अलग – अलग थीम की लाइटें पुल को रात में और अधिक आकर्षक बना देती हैं। पुल पर बूम बैरियर लगाए गए हैं जो वाहनों के वजन की माप करते हैं। पुल पर 18 टन तक के वाहन गुजर सकते है।

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