पत्रकारों के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करने पर अब उन लोगों के खिलाफ बड़ा एक़्सन लिया जाएगा, इस पर देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुसार विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका लोकतन्त्र के तीन स्तम्भ हैं लेकिन पत्रकारिता को असंवैधानिक तौर पर लोकतन्त्र का ‘चौथा स्तम्भ’ का स्थान प्राप्त है। पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं, विपरीत परिस्थितियों में भी सच्चाई को सामने लाते हैं।पत्रकार ही होते हैं जो समाज में फैली बुराइयों को जनता व देश के सामने लाने का काम करती है। जिसके लिए कई बार पत्रकार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर दी जाती है। अब जो पत्रकारों पर बेवजह झूठी एफआईआर दर्ज करते हैं। उन पर कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट के तहत कारवाई करेगा।
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