प्रतापनगर के गोदड़ी गाँव मे डंडी पल्ली में बांधकर ले जाते मरीज को ग्रामीण

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आज भी  मरीजो को दंडी पल्ली में बांध कर 4 किलोमीटर  पैदल चलकर सड़क तक लाने को मजबूर है ग्रामीण

उत्तराखंड सरकार जहां स्वास्थ्य को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है ठीक उसके विपरीत आज भी पहाड़ों का जनजीवन कष्ट दाई है और इस दर्द को सिर्फ वही ग्रामीण समझ सकते हैं जहां पर आज भी स्वास्थ्य चिकित्सा की व्यवस्था नहीं है

ऐसी घटना टिहरी जिले के प्रताप नगर विधानसभा के अंतर्गत गोदड़ी गांव के क्यार्शी का है जब विनोद अपने खेत में पानी लगाने के लिए गया हुआ था और पैर फिसलने से पैर फैक्चर हो गया और जैसे तैसे विनोद ने ग्रामीणों को अपने पैर टूटने की सूचना फोन से दी उसके बाद गांव के ग्रामीण विनोद को एक डंडे पर चद्दर बांधकर विनोद को 4 किलोमीटर पैदल चलकर गोदड़ी सड़क तक लाये,

आज भी स्वास्थ्य के नाम पर बड़े-बड़े दावे उत्तराखंड सरकार करती है लेकिन धरातल पर सिर्फ कागजों में दिखाई देता है

आज विनोद का पैर टूटने के बाद गांव के लोगों ने गांव से सड़क तक 4 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर पैदल नापते हुए विनोद को सड़क तक पहुंचाया और  मैक्स गाड़ी के माध्यम से जिला अस्पताल बौराड़ी लाया गया जहां हां डॉक्टर ने विनोद के पांव की नाजुक स्थिति देखकर हायर सेंटर जॉलीग्रांट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया

वहीं ग्रामीण सुरबीर ने शासन प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2006 में लोक निर्माण विभाग बोराड़ी के द्वारा एक करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से रोड़ काटी गई और काम आधा अधूरा रह गया जिस कारण आज 2006 से लेकर 2021 आ गया लेकिन अभी तक सड़क नहीं बन पाई

जिस कारण गांव के ग्रामीणों को आने-जाने की समस्याओं से जूझना पड़ता है अगर गांव में कोई भी हादसा होता है तो गांव के लोग  पीड़ित मरीज को डंडे पल्ली से बांधकर 4 किलोमीटर का पैदल रास्ता चलकर सड़क तक  लाते हैं परंतु इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया,

जहां सरकार के दावे की पोल भी खुलती नजर आ रही है,की आज 20 साल बाद भी उत्तराखंड के गाँव की हालात जस के तस है,

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