टिहरी जिले के प्रताप नगर विधानसभा के अंतर्गत शुक्री गांव निवासी सुंदरलाल उम्र 62 वर्ष ने जंगल से जंगली मशरूम सब्जी बनाने के लिए घर लाए थे और सब्जी खाने के बाद सुंदरलाल और इनकी पत्नी विमला देवी ओर नातनी सलोनी ने सब्जी खाई थी सब्जी खाने के बाद तीनों की तबियत बिगड़ने लगी ओर नातनी सलोनी 12 वर्ष की 19 तारीख को मौत हो गई,सुंदर लाल और बिमला की तबियत ज्यादा खराब होने पर एम्स ऋषि केश में भर्ती किया गया जहाँ उनकी मौत हो गई एक ही घर से तीन लोगों की मौत पर पुरा गाव में मातम छाया है
सलोनी के पिता सुरेश व माता ममता सलोनी अपने दो भाई रजत 19 वर्ष ओर नमन 13 वर्ष है के साथ देहरादून में रहती थी और सलोनी के पिता सलोनी को अच्छी पढ़ाई करवाने के लिए केंद्रीय विधालय सोड लंबगांव में कक्षा 6 में एडमिशन करवाया था ताकि वह गाव में अपने दादा दादी के साथ रहकर पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो सके ओर सलोनी के पिता ने सलोनी को फ़ोन पर कह था कि में ओर माता ममता भाई रजत,नमन रक्षाबंधन पर गाव आएंगे रखी बंधने, पर बिधाता ने किस्मत में कुछ और ही लिखा था कि रक्षाबंधन के एक दिन पहले सलोनी अपने भाइयों से बिना मिले इस दुनिया से चली गई,
मृतक सुंदरलाल के 2 पुत्र हैं एक का नाम सुरेश और दूसरे का प्रभु दत्त सुरेश दत्त के सुरेश के तीन बच्चे हैं जिनमें दो बेटे रजत,नमन और एक बेटी सलोनी थी जिसकी मृत्यु जंगली मशरूम खाने से हुई
रक्षाबंधन के त्यौहार से ठीक एक दिन पहले सलोनी की मौत के बाद भाइयों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है बार बार भाईयों के मुँह से एक ही शब्द निकल रहे है कि अब हमारी कलाई में राखी कौन बांधेगा,
सामाजिक कार्यकर्ता सोदन कुड़ियाल ने इस घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा गाव शोकाकुल है ओर बन बिभाग से मांग की है कि वह बन बिभाग गाव में जान जागरूकता अभियान चलाये जिससे गाव के लोगो को जंगली सब्जियों के बारे में सही जानकारी हो कि को सी सब्जी खाने योग्य है और कौन जहरीली सब्जी है