एक्सकुलुसिव न्यूज़🌺टिहरी बांध प्रभावित 415 परिवारों का होगा जल्दी विस्थापन,20 साल बाद मिलने जा रहा है प्रभावित परिवारों को उनका हक.

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उत्तराखंड सरकार और टिहरी डीएम इवा आशीष श्रीवास्तव तथा उत्तराखंड के मंत्रियों और सचिवों की मेहनत रंग लाई है ,अब 415 परिवारो को उनको उनका हक मिलने जा रहा है,

टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों को जल्दी न्याय मिलने जा रहा है. टीएचडीसी और उत्तराखंड सरकार इन दोनों की सहमति से तय हुआ है कि टिहरी बांध प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास के लिए 74.4 लाख का मुआवजा प्रति परिवार को दिया जाएगा.

वही रौलाकोट गांव के पुनर्वास के बारे में समझौता  हुआ है कि रौलाकोट विस्थापन के लिए पुनर्वास निदेशालय के पास लगभग 70 एकड़ भूमि रोशनाबाद, रायवाला, घमंडपुर में हैं, जहां रौलाकोट को  बसाया जा सकता है.जो कि पहले टिहरी बांध प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए अधिग्रहित की गई थी. इसके अलावा लगभग 20 एकड़ भूमि विभिन्न स्थानों पर टीएचडीसी के स्वामित्व में है, उक्त भूमि को विकसित करने की आवश्यकता है.

प्रभावित परिवारों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए 22 जनवरी को सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह से मुलाकात की थी. उस बैठक में टिहरी के जनप्रतिनिधि और राज्य सरकार के अधिकारी भी वहां मौजूद थे.

बैठक में तय किया गया कि  415 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं का समाधान न्यायालय की परिधि से बाहर किया जाएगा.

जनवरी से अब तक टीएचडीसी के अधिकारियों, सचिव सिंचाई उत्तराखंड और जिलाधिकारी टिहरी के बीच तमाम बैठकें हुईं.उसका  परिणाम यह रहा कि टीएचडीसी ने उत्तराखंड सरकार को एक अंडरटेकिंग दी है. जिसमें कहा गया है कि वह ‘संपार्श्विक क्षति नीति 2013’ के तहत गठित तकनीकी समिति की संरचना के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा संशोधित आदेश जारी होने के बाद उच्च न्यायालय उत्तराखंड में दायर अपनी रिट याचिका को वापस ले लेगा. साथ ही टिहरी बांध परियोजना प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से जो मुआवजा राशि तय की गई है वह प्रभावित क्षेत्र के बाजारी दरों, सोलेशशियम, एक्सग्रेशिया, ब्याज और विकास लागत को जोड़कर प्रति परिवार 74.4 लाख रुपये आंकी गई है.

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