टिहरी जिले के ग्राम पलाम पट्टी मखलोगी के रोहित चमोली पुत्र श्री जयप्रकाश चमोली ने जूनियर एशियन यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल कर अपने परिवार के साथ-साथ उत्तराखंड के साथ साथ टिहरी जिले एवं राष्ट्र का नाम रोशन किया है। रोहित के परिजन और नाते रिश्तेदार खुशी से झूम उठे हैं
वहीं रोहित के नाना शांति भट्ट ने बताया कि रोहित के पिता चंडीगढ़ के एक होटल में काम करते हैं और माता काफी समय पहले गुजर गई थी और एक बहन है और रोहित की पढ़ाई लिखाई चंडीगढ़ में ही हुई है रोहित ने गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन किया है
सिटी यंग बॉक्सर रोहित चमोली ने दुबई में जारी एशियन जूनियर बॉक्सिंग में भारत का गोल्डन डेब्बू कराया और एएसबीसी एशियन जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में पहला गोल्ड मेडल देश के नाम किया रोहित ने 48 किलोग्राम वर्ग में इस गोल्ड मेडल के लिए मंगोलिया के ओटगोनबयान तूबंसीजया को 3-2 से हराया, बोगनवेलिया गार्डन के फ्री कोचिंग सेंटर से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले रोहित का यह सबसे बड़ा मैडल है और उन्होंने पूरे टूर्नामेंट के दौरान अपनी क्लास दिखाई उन्होंने किसी भी बॉक्सर को खुद पर हावी होने का मौका नहीं दिया और पहला मैच उन्होंने 5_0 के स्कोर के साथ एकतरफा अंदाज में जीता, रोहित के कोच जोगिंदर के लिए यह सबसे बड़ा मौका है क्योंकि उन्होंने 10 साल पहले रोहित की ट्रेनिंग शुरू की थी इसके अलावा उनके परिवार के लिए भी यह दिन बहुत खास है और उनके पिता जयप्रकाश इस बात के लिए खुश हैं कि उन्हें अब उनके बेटे के नाम से जाना जाएगा रोहित के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं था पहले उन्होंने गरीबी से लड़ाई लड़ते हुए अपनी गेम जारी रखी और अब उन्होंने विनिंग गोल्ड पंच के साथ देश को सम्मान दिलाया, नया गांव के रहने वाले रोहित ने गवर्नमेंट मॉडल स्कूल से अपनी दसवीं पास की अब वह 11वीं में एडमिशन लेंगे,
रोहित के पिता जय प्रकाश में एक होटल में कुक का करता हु और वह इस दिन को सबसे खास दिन मानते हैं उन्होंने कहा यह मेरे लिए सबसे खास दिन है आमतौर पर एक बच्चे को पिता का नाम से जाना जाता है लेकिन अब हमें बेटे के नाम से जाना जाएगा मेरे लिए यह खास मौका है और और क्या हो सकता है एक गरीब परिवार से होते हुए भी उसने कभी हार नहीं मानी ना तो हम उसे स्पेशल डाइट दे सके और ना कुछ लेकिन इस लड़के ने हम सभी का नाम रोशन कर दिया रोहित के पिता ने कहा उसका दिन सुबह 4 बजे शुरू होता था और वह अपनी ट्रेनिंग के लिए जाता था इसके बाद वह अपने स्कूल जाता और शाम को थोड़ा रेस्ट करने के बाद शाम को ट्रेनिंग करता है उसने घर में दाल चावल खाकर ही ट्रेनिंग की क्योंकि हम उसे स्पेशल डाइट नहीं देते थे इस सफलता में उसके को जोगिंदर सिंह का सबसे बड़ा रोल है उन्होंने ही रोहित को तराशा है
रोहित के ट्रेनिंग देने वाले जोगिंदर सिंह ने कहा कि उसकी ट्रेनिंग 10 साल पहले शुरू हुई थी उसकी बहन मेरे पास रोहित को लेकर आई थी उसकी बहन अब आइटीबीपी में है और बॉक्सिंग के दम पर ही उसे जॉब मिली रोहित को पहली बार सेंटर पर लाई और उसके बाद हमने ट्रेनिंग शुरू कि वह पहले दिन से ही दूसरों से अलग था उसका टैलेंट सबसे अलग था उसके पंच में पावर थी और मुझे लगा था कि वह एक अच्छा बॉक्सर बनेगा रोहित पहले ट्रेनिंग कॉलेज का रेगुलर नहीं आते थे कोच ने कहा कि उसकी फैमिली चाहती थी कि वह गेम के साथ साथ पढ़ाई पर फोकस करें वह ऐसा नहीं कर पा रहे थे मैंने रोहित के पिता से बात की उन्हें बताया कि यह एक अच्छा बॉक्सर बन सकता है उन्होंने कहा कि यह पढ़ाई पर ध्यान नहीं देता है शरारतों पर ध्यान देते हैं मैंने उन्हें कहा कि मुझे इसी तरह के बॉक्सर की जरूरत है आप इसे मेरे पास भेजे यह पढेगा भी, ओर आज नतीजा आप सभी के सामने है रोहित ने हम सभी को सही साबित कर दिया,