टिहरी बांध आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने डीएम/पुनर्वास निदेशक को पत्र भेजकर 415 चिन्हित परिवारों के विस्थापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही टिहरी बांध की झील का जल स्तर बढ़ाने पर निर्णय लेने की मांग की है। कहा कि टीएचडीसी झील का जल स्तर आरएल 828 से दो मीटर और बढ़ाकर आरएल 830 करना चाहती है। लेकिन अभी तक प्रभावित परिवारों का विस्थापन नहीं हुआ है। ऐसे में यह करना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने छह सूत्री मांग पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
टिहरी बांध आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा, भटकंडा की प्रधान मधुबाला और पूर्व प्रधान प्रदीप भट्ट ने पुनर्वास निदेशक इवा आशीष श्रीवास्तव को पत्र भेजकर अवगत कराया कि सरकार ने टिहरी बांध प्रभावित पात्र प्रभावित परिवारों को 74.4 लाख की धनराशि मुआवजा देने की घोषणा की है। लेकिन अभी तक मीटिंग के बिंदु और निर्णय की कॉपी पुनर्वास विभाग और प्रभावितों को नहीं मिली है। कहा कि भटकंडा सहित कई गांवों में झील से भूस्खलन हो रहा है। ऐसे में टिहरी झील का जल स्तर किसी भी दशा में नहीं बढ़ाया जाना चाहिए।जब तक गाव के लोग विस्थापित नही हो जाते साथ ही नकद प्रतिकर के साथ-साथ प्रत्येक परिवार को 200-200 वर्ग मीटर के आवासीय प्लॉट, संपार्श्विक क्षति नीति 2013 के आधार पर प्रतिपूर्ति देने, नकद प्रतिकर के अलावा जो लोग कृषि भूखंड और आवासीय भूखंड लेना चाहते हैं उसका भी प्रावधान नीति में रखा जाए। सम्पार्विश्वक क्षति नीति 2013 की भी समीक्षा की जाए। कहा कि यदि जबरन झील का जल स्तर आएल 830 किया गया तो वह बेमियादी आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे। कहा कि पहले 415 परिवारों के विस्थापन की संपूर्ण कार्रवाई को शासन-प्रशाासन और टीएचडीसी को पूरा करना चाहिए,