टिहरी जिले के थत्यूड़ में इन दिनों अग्निशिखा (कलिहारी ) के सुंदर फूल खिले हैं। नैसर्गिक सुंदरता के साथ-साथ अग्निशिखा के फूल और पौधे औषधीय गुणों से भरपूर हैं। आमतौर पर इसका पौधा अल्सर, कुष्ठ रोग और बवासीर जैसी बीमारियों के उपचार के लिए बनने वाली दवा में प्रयोग किया जाता है।
स्थानीय लोगों को इसकी पूरी जानकारी नहीं है कहकशां नसीम ने थत्यूड़ के पास अगलाड़ नदी के किनारे शुक्रवार को अग्निशिखा के खिले फूलों यह तस्वीर कैद की है। उनका कहना है कि कलिहारी एक सुंदर बहुवर्षीय वृक्षारोही लता है। यह कोल्चिकेसी परिवार का सदस्य है। इसके सुंदर पुष्पों के कारण अग्निशिखा के नाम से भी जाना जाता है। यह जंगल में सामान्य रूप से मिलता है। जिसके राइजोम आयताकार, अंग्रेजी के वी आकार के सफेद रंग के होते है। यह अफ्रीका, एशिया, श्रीलंका और यूएसए में पाया जाता है। भारत में उत्तर पश्चिम हिमालय से लेकर असम और दक्षिणी प्रायद्वीप तक पाया जाता है। इसके पुष्प, पौधे अल्सर, कुष्ठ रोग और बवासीर के उपचार में बहुत उपयोगी होती है।