उत्तराखंड सरकार के पेयजल मंत्री व सचिव टिहरी जिले में हर घर जल हर घर नल के मामले में कब होगी जल संस्थान/जल निगम(य जिस एजेंसी ने काम किया है) की जांच,जहां देखो हर घर नल हर घर जल के मामले में भ्रष्टाचार फैला है बल्कि जल संस्थान/जल निगम के द्वारा ग्रामीणों के पुराने स्रोतों को भी नष्ट करके ग्रामीणों को पानी से वंचित कर दिया
अधिकारी है कि ग्रामीणों का सुनने का नाम ही नहीं लेते और अपने मनमानी करने में लगे रहते हैं
उत्तराखंड सरकार सीएम व पेयजल मंत्री तथा सचिव टिहरी जिले में हर घर नल हर घर जल के मुद्दे में किसी दूसरी एजेंसी से जांच कराई जाए जिससे टिहरी जिले के जल संस्थान/जल निगम य किसी भी एजेंसी के द्वारा किए गए कामों का सच सबके सामने आ जाएगा कि किस प्रकार से हर घर नल हर घर जल पहुंच रहा है
टिहरी जिले में प्रतापनगर के ग्राम पंचायत क्यारी का है जहां ग्रामीणों ने विभाग व ठेकेदार पर पीने के पानी को डिस्टर्ब करने का लगाया आरोप ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत क्यारी में ऑलरेडी दो से तीन पेयजल लाइनें सुचारू रूप से चल रही थी और पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी था लेकिन जब से जल जीवन मिशन की यह योजना गांव में प्रारंभ हुई तब से लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है और लोगों को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत में सार्वजनिक पानी की डिग्गी को भी डिस्टर्ब कर दिया गया है जबकि उस पर पहले पर्याप्त मात्रा में पानी हुआ करता था
ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग व ठेकेदार जल जीवन मिशन की योजना को नियमों को ताक पर रखकर कार्य कर रहे हैं और पुरानी लाइन को ही नया दिखाकर सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम कर रहे हैं जबकि योजना में 5200 मीटर आधा इंची पाइप लाइन स्वीकृत है लेकिन गांव में कहीं भी नया पाइप नहीं लगाया जा रहा है पुरानी लाइन में ही कहीं कहीं पाइप जोड़ दिया जा रहा है कहीं भी पाइप लाइन को दबाया नहीं जा रहा है खुले आम रास्तों में पाइप बिछाए जा रहे हैं जिससे गांव के रास्ते भी डिस्टर्ब हो रहे हैं जिससे हमारा पुरानी लाइन भी डिस्टर्ब हो रही है और लोगों को पीने का पानी का संकट पैदा हो गया है
ग्रामीणों ने इसकी शिकायत डीएम व सीएम पोर्टल पर भी की है अब ग्रामीणों को इसका इंतजार है कि इस पर शासन प्रशासन क्या कार्रवाई करता है वहीं ठेकेदार का कहना है कि अभी फस्ट फेज का कार्य गतिमान है और जब कार्य पूरा होगा तब ग्रामीण शिकायत कर सकते हैं और जो भी कमी होगी उसे पूरा किया जाएगा।