कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रदेश सरकार ने टिहरी बांध के जलाशय को आरएल 830 मीटर भरने की अनुमति तो दे दी है लेकिन झील के कारण भूस्खलन की जद में आए गांवों के पुनर्वास के लिए कोई कार्य नहीं किया है। कहा कि झील के चारो तरफ सुरखा के पुख्ता इंतजाम नही किए,
साथ ही कहा टिहरी बांध की झील का जलस्तर 830 मीटर कर दिया है। जिससे झील क्षेत्र से सटे थौलधार ब्लॉक के सरोट गांव के अनुसूचित परिवारों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं। यह सभी मकान झील के जलस्तर 835 मीटर से बाहर होने के कारण सरकार ने कोई प्रतिकर नहीं दिया है। कहा कि सरकार ने चिन्हित परिवारों का भी पुनर्वास नहीं किया है। वर्तमान में झील का जलस्तर बढ़ने से लगातार भूमि कटाव हो रहा है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को मुआवजा और अन्यत्र स्थान पर पुनर्वास करने की मांग की है। उन्होंने झील क्षेत्र के किनारे बैरिकेडिंग करने, पैराफिट और क्रैश बैरियर लगाने की मांग की है ताकि सड़क दुर्घटनाओं से बचाव हो सके। तीन दिन पहले स्यांसू पुल के पास एक वाहन झील में समा गया था जिससे दो लोगों के शव झील से बरामद हो गए हैं जबकि एक व्यक्ति अभी भी लापता है। कहा कि यदि वहां पर सुरक्षा के इंतजाम होते तो यह दुर्घटना नहीं होती। उन्होंने उन्होंने झील क्षेत्र में वाहन दुर्घटना होने की स्थिति में झील में बचाव कार्य करने के लिए पनडुब्बी की तैनाती की भी मांग की है।
दुर्घटना के समय यह पनडुब्बी रेस्क्यू का काम करेगी और अन्य समय पर पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने का काम करेगी इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वह टिहरी झील में पनडुब्बी लगाई जाए