एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील के किनारे विस्थापन की मांग को लेकर एक सप्ताह से उठड पीपोला के ग्रामीण विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं
ग्रामीणों का कहना है कि पुनर्वास विभाग और टिहरी बांध परियोजना के द्वारा इनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है क्योंकि गांव के ही कुछ लोगों को पुनर्वास विभाग द्वारा विस्थापन कर दिया गया है और अन्य ग्रामीणों को छोड़ दिया गया जिस कारण ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग की है
धरने पर बैठे ग्रामीणों ने टिहरी के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी नारेबाजी की ग्रामीणों ने टिहरी विधायक व सांसद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि हम लोगों ने उन्हें उम्मीद के साथ जिताया लेकिन आज यही विधायक और सांसद हमारी सुध लेने को तैयार नहीं है जिस कारण आज गांव के ग्रामीण विस्थापन की मांग को लेकर दर दर की ठोकर खा रहे हैं और आखिर में ग्रामीणों को मजबूर होकर विस्थापन की मांग के लिए टिहरी झील के किनारे धरने पर बैठना पड़ा ग्रामीणों ने कहा कि हमारे जनप्रतिनिधि बेखबर हो गए हैं कि उनको ग्रामीणों की समस्याओं से कोई वास्ता नही है ओर न ही ग्रामीणो की कोई सुध ले रहे हैं जबकि सरकार भी इन्हीं की है और विधायक सांसद भी यही हैं लेकिन यह जनप्रतिनिधि अपने सरकार में रहते हुए भी ग्रामीणों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं कर रहे है,