मेहनत का कोई विकल्प नहीं हो सकता है। यदि किसी कार्य करने की व्यक्ति में लग्न हो, तो सफलता मिलनी निश्चित है। ऐसा ही कर दिखाया है सेना से रिटायर्ड एक जवान ने। चंबा ब्लॉक के गौंसारी गांव निवासी मान सिंह चौहान ने बजाए नौकरी करने के, उन्होंने उद्यान के क्षेत्र में कार्य करने की ठानी है। उन्होंने पैतृक भूमि पर 600 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में कीवी के पौधे लगाकर आजीविका संवद्ध्रन के क्षेत्र में कदम बढ़ाया है। कीवी के साथ-साथ वह सब्जी उत्पादन भी कर रहे हैं।
भारतीय सेना से राइफल मैन पद से सेवानिवृत्त हुए मान सिंह चौहान ने रिटायरमेंट के बाद नौकरी करने के बजाए अपने खेतों को आबाद करने की ठानी है। उन्होंने मेहनत और जज्बे के साथ खेती-बाड़ी की ओर कदम बढ़ाया है। आज वह कीवी फलोत्पादन से परिवार की आजीविका को बहुत अच्छे ढंग से मजबूत कर रहे हैं। चौहान का कहना है कि कीवी के फल को बंदर सहित जंगली जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। उन्होंने कीवी के एक नर व तीन मादा पौधों को खेतों में लगाया। तीन साल तक इन पौधों की देखभाल की। कीवी के पौधों के लिए लोहे के एंगल लगाकर उन पर तार का जाला बिछाया। यही नहीं इन जालों के नीचे सब्जी उत्पादन भी शुरू किया। उन्होंने खेतों में एक पाली हाउस भी बनाया है। 600 वर्ग मीटर जमीन पर कीवी के अलावा ऑर्गेनिक सब्जी उत्पादन का भी चौहान प्रचुर मात्रा में उत्पादन कर रहे हैं। बताया कि गत वर्ष उन्होंने 40 किलो और इस साल अब तक 60 किलो कीवी का उत्पादन किया है। स्थानीय स्तर पर ही कीवी 400 रुपये प्रति किलो बिका है। जबकि बाजार भाव इससे अधिक है। बताया कि यदि सरकार और विभाग मदद करे तो काश्तकार कीवी फलोत्पादन से खूब लाभ कमा सकते हैं। भविष्य में वह कीवी के और पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं।