टिहरी जिले की पहचान टिहरी बांध, झील, पर्यटन स्थल धनोल्टी, कैंपटी के अलावा अब आदि शक्ति धाम से भी होगी। जिले में स्थित तीन शक्तिपीठों सुरकंडा देवी, चंद्रबदनी और कुंजापुरी देवी को धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में और ज्यादा फोकस करने के लिए जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए तीनों शक्तिपीठों का फोटो फ्रेम तैयार किया गया है। आगामी जी-20 सम्मेलन में भी इन्हें प्रमुखता से पेश किया जाएगा।
टिहरी जिले के तीन शक्तिपीठों सुरकंडा देवी, चंद्रबदनी और कुंजापुरी देवी का वेदों और पुराणों में विशेष उल्लेख है। मान्यता के अनुसार देवी सती के शरीर के हिस्से जहां-जहां धरती पर पड़े, वहां-वहां शक्तिपीठ बने। इन शक्तिपीठों में सालभर श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। अब जिला प्रशासन इन शक्तिपीठों को धार्मिक पर्यटन के लिहाज से और विकसित करने की योजना बना रहा है। यहां पार्किंग, पैदल और ट्रेकिंग रास्ते सहित अवस्थापना विकास के सभी कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रशासन ने फोटो फ्रेम तैयार कर तीनों शक्तिपीठों को प्रदर्शित किया है। जल्द ही इसके लिए ब्रोशर, कैलेंडर भी तैयार किए जा रहे हैं। पर्यटन विभाग जिले की सीमाओं पर आदि शक्ति धामों के होर्डिंग, बैनर और साइनेज भी लगाएगा। इससे लोग टिहरी में अन्य पर्यटन स्थलों की भांति बड़ी संख्या में तीर्थाटन को पहुंचेंगे। स्थानीय लोगों की आजीविका संवर्द्धन के लिए भी यह कारगर साबित हो सकता है। प्रशासन इन शक्तिपीठों के लिए जाने वाले मोटर मार्ग और पैदल मार्गों को दुरुस्त करने की तैयारी में जुटा है। इस साल मई और जून माह में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक टिहरी जिले में भी प्रस्तावित हैं। इन बैठक में भी यह फोटो फ्रेम देश-विदेश के आगंतुकों को भेंट करने की योजना है।
डीएम डॉ सोरभ गहरवार ने कहा टिहरी जिले में अनेक पर्यटन स्थल हैं। साहसिक और सामान्य पर्यटन के क्षेत्र में जिले में कई स्पॉट विकसित हैं। अब प्रशासन जिले की यूएसपी आद शक्ति धाम के रूप में करने की योजना बनाई है। इसकी फोटो फ्रेम तैयार कर ली है। जी-20 सम्मेलन में भी इसे प्रदर्शित किया जाएगा। जल्द ही जनप्रतिनिधियों से फ्रेमिंग का अनावरण भी करेंगे। तीर्थाटन के लिए यह कारगर कदम साबित होगा।