उत्तराखंड राज्यसभा सांसद डॉ कल्पना सैनी पहली बार टिहरी जिले के दौरे पर रही इस दौरान कोटी कॉलोनी में आपदा पीड़ित बच्चों के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में शिरकत की और बच्चों का मनोबल बढ़ाया
उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद डा. कल्पना सैनी ने कहा महज किताबी ज्ञान से युवा पीढ़ी आगे नहीं बढ़ सकती है। उन्हें संस्कारवान शिक्षा देने की भी आवश्यकता है। कहा 12वीं तक की छात्राओं के लिए जूडो कराटे की शिक्षा को भी अनिवार्य करना चाहिए। भारत पुरातन समय से ज्ञान का केंद्र रहा है। उसी गौरव को लौटाने के लिए केंद्र सरकार कार्य कर रही है।
रविवार को कोटी कॉलोनी में आरएसएस के तत्वावधान में संचालित उत्तरांचल आपदा पीडि़त सहायता समिति के श्रीदेव सुमन छात्रावास के वार्षिकोत्सव का राज्यसभा सांसद सैनी ने शुभारंभ किया। कहा कि आरएसएस विभिन्न माध्यमों से राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहा है। कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में भी विद्या भारती को अपने स्कूल खोलने चाहिए। छात्रावास में शौचालय निर्माण हेतु 10 लाख रुपये देने की घोषणा की।
आरएसएस के प्रांत सेवा प्रमुख पवन जी ने मुख्य वक्ता के तौर पर कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। कहा कि दैवी आपदा के कारण अपने माता-पिता खोने वाले लोग गरीब छात्रों को शिक्षा देने और समाज की मुख्यधारा से जोडऩे को आमजन के सहयोग से छात्रावास चला रहे हैं।
टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अपने दायित्व के साथ ही समाज हित में सभी को कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी से लेकर व्यक्तिगत रूप से भी छात्रावास के संचालन में पूरा सहयोग दिया जाएगा। इससे पूर्व विद्या मंदिर की छात्राओं ने मां शारदे, शिवजी कैलाश रैंदा, जरा मठु-मठु हिट मेरी सुमना की शानदार प्रस्तुति दी।
आपको बता दें कि आपको बता दें कि 16 और 17 जून 2013 को केदारघाटी में भयंकर देवी आपदा से प्रभावित परिवारों के बच्चें के लिए इस छात्रावास को 29 अगस्त 2013 को प्रारंभ किया गया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस कार्य में लग रहा, श्री देव सुमन छात्रावास का विधिवत प्रारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख सुहस राव हिरमेट ने की थीं शुरू में इस छात्रावास में 45 बच्चे थे जिनमें 15 बच्चे अनाथ थे और इन बच्चों में से 5 बच्चें सेना के जवान बने है और कुछ नोकरी में है,
वर्तमान समय मे इस छात्रावास में 34 बच्चे रहते है जिनमे 6 बच्चें ऐसे है जिनके माता पिता नही है 6 बच्चो के पिता नही है और 1 बच्चे की माता नही है 15 बच्चें वंचित वर्ग के है 6 बच्चो की आर्थिक स्थिति ठीक नही है इन अनाथ बच्चो की देखरेख संघ परिवार स्वम् करता है