टिहरी बांध प्रभावित भटकंडा, लुणेटा, सिल्ला उप्पू और उठड़ गांव के विस्थापन के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बावजूद अभी तक टीएचडीसी की ओर से धनराशि जारी नहीं की गई है। जिस कारण बांध प्रभावितों में आक्रोश बना हुआ है। टिहरी बांध प्रभावित संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा, भटकंडा के पूर्व प्रधान प्रदीप भट्ट ने बताया कि पुनर्वास निदेशालय की ओर से गत वर्ष 8 सितंबर को टीएचडीसी को नकद धनराशि का प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन पांच महीने बीतने पर भी अभी तक धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। ग्रामीणो ने बताया कि भटकंडा के 25 परिवारों के लिए करीब 30 करोड़, उठड़ गांव के 17 परिवारों के लिए 21.64 करोड़,और सिल्ला उप्पू के 14 परिवारों के लिए 19.23 करोड़ का प्रस्ताव सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी अभी तक टीएचडीसी ने प्रभावितों के लिए धनराशि निर्गत नहीं की है। इन गांव के प्रत्येक परिवार को 74.40 लाख रूपये सम्पार्श्विक क्षति नीति के अनुसार दिए जाने हैं। लेकिन टीएचडीसी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। ग्रामीणो ने कहा कि जल्द धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई तो वह आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे।
ग्रामीणों ने टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि 5 महीने बीतने के बाद भी टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों द्वारा पुनर्वास विभाग को धन नहीं भेजा गया जिस कारण वादे के अनुसार ग्रामीणों को धनराशि नहीं मिल गई है ग्रामीणों ने साथ ही कहा कि पिछले महीने उत्तराखंड सरकार के पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने जिला अधिकारियों की बैठक के दौरान टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जल्दी धनराशि देने की निर्देश दिए थे लेकिन टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों पर उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आदेश का कोई असर नहीं दिखाई दिया अब ग्रामीणों ने आर-पार की लड़ाई का मन बनाया है और चेतावनी दी है कि जल्दी ही टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों द्वारा पुनर्वास विभाग को धनराशि ट्रांसफर नहीं करती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा