जान जोखिम में डालकर नदी के ऊपर टूटे फूटे लकड़ी के पुल से स्कूल आते जाते बच्चें व ग्रामीण,डीएम ने पुल बनाने का दिया आश्वासन

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सरकारी योजनाएं पांच सितारा होटलों य फिर बन्द कमरों में बनाई जाती हैं और ऐसी योजनाएं दम भी तोड़ देती हैं, आम जनमानस इन योजनाओं के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होता चला जाता है, परंतु ना तो योजनाओं का लाभ मिलता है और ना ही मूलभूत सुविधाएं

हम बात कर रहे है धनोल्टी विधानसभा के गवांणा-डामणी गाव की जहाँ आज भी गाव के लोग नदी पर बने लकड़ी के पुल से जान जोखिम में डाल कर आवागमन करते स्कूली बच्चे और ग्रामीण,

ग्रामीणों ने नवनियुक्त जिलाधिकारी से मांग की है कि ग्रामीणो और स्कूली बच्चों की समस्याओं को देखते हुए इस पुल को बनाने के आदेश दे दे ताकि आने जाने वाले स्कूली बच्चे और ग्रामीणों को किसी भी तरह के जानमाल की हानि ना हो,

ग्रामीणों ने कहा कि 2013 की आपदा आने के बाद हमने सभी जनप्रतिनिधियों से यहां पर पुल बनाने की मांग की लेकिन किसी ने इस और ध्यान नहीं दिया अब ग्रामीणो को नवनियुक्त जिलाधिकारी मयुर दीक्षित से उम्मीद हैं कि वह इस पुल को बनाने के लिए कार्यवाही करेंगे,

धनोल्टी विधानसभा के ग्राम सभा गवांणा-डामणी के निवासी हैं जहां इनके पास मूलभूत सुविधाओं तक का अभाव है सरकारें दावा करती है कि उन्होंने गांव-गांव तक सड़के पहुंचा दी हैं, परंतु आप तस्वीरों में साफ देख सकते हैं कि इनके पास नदी पार करने के लिए एक अदद पुल तक नहीं है, कामचलाऊ पुल से काम चलाया जा रहा है और बड़ी बात है कि यह काम चलाओ पुल भी ग्रामीणों द्वारा खुद ही बनाया गया है।

यह पर किसी भी जनप्रतिनिधि ने ग्रामीणों की सुध नहीं ली, रोजाना इस कामचलाउ पूल से डेढ़ सौ से लेकर 200 बच्चे भवान स्थित इंटर कॉलेज व अन्य स्कूलों में आवाजाही करते हैं। परंतु कोई भी इन ग्रामीणों की सुध नहीं ली ,

कठोर पहाड़ में, पहाड़ जैसा जीवन जीने को मजबूर है यह के ग्रामीण।

जब जनप्रतिनिधियों ने इनकी सुध नहीं ली तो ग्रामीणों ने खुद ही इस कामचलाऊ पुल को तैयार किया और आवाजाही के लिए मार्ग खोला परंतु वर्तमान में चल रही मूसलाधार बारिश से यह पुल कितने दिन तक टिक पाएगा यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है और कब इस कामचलाऊ पुल से इन्हें निजात मिलेगी और एक स्थिर पुल मिल सकेगा यह भी सोचनीय विषय है।

फिलहाल ग्राम सभा गवांणा डामणी और भवान को जोड़ने वाली घुचु नदी में ग्रामीण इस कामचलाऊ पुल से अपनी जान हथेली में रख रोजाना सफर कर रहे हैं, उम्मीद करते हैं कि जल्द प्रशासन इनकी सुध लेगा और इनके लिए सुचारू व्यवस्था करेगा।

इस मामले में टिहरी के नवनियुक्त जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मामले का संज्ञान लेते हुए धनोल्टी के उप जिलाधिकारी धनोल्टी से बात की और उप जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह मौके पर जाकर निरीक्षण करके उसका प्रपोजल भेजें जिससे जल्दी ही जिला प्लान के माध्यम से यहां पर पुल बनवाया जा सके और जल्दी ही जिला प्लान के माध्यम से यहां पर पुल बनाने की कार्रवाई की जाएगी

 

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