रुद्रप्रयाग चारापत्ती के लिए जंगल गई फलई गांव की 62 वर्षीय जानकी देवी ने गुलदार के साथ हुए संघर्ष में बहादुरी से भिड़कर अपनी और अपनी बहू पूनम की जान बचा दी। हालांकि इस संघर्ष में जानकी देवी को गहरी चोट लगी हैं।
बता दें कि रोज की तरह जानकी देवी धर्म पत्नी सते सिंह राणा (62) वर्षीय अपनी बहू पूनम धर्मपत्नी केशर सिंह राणा (32) के साथ रायड़ी से सटे जंगल में चारापत्ती लाने गई थी। वहां घात लगाए गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले ने उन्हें चैंका दिया, लेकिन बाद में खुद को संभालते हुए जानकी देवी ने हिम्मत दिखाते हुए गुलदार से भिड़ गई। लंबे समय तक चले इस संघर्ष में लहूलुहान होने के बाद भी जानकी देवी ने दरांती से वार कर गुलदार को भागने पर मजबूर कर दिया। हालांकि इस खूनी संघर्ष में जानकी देवी का सिर जगह-जगह से फट गया और बड़ी मात्रा में खून भी बहा। लेकिन इस सब के बावजूद वो खुद की और अपनी बहू की जान बचाने में सफल हुई। बाद में हो-हल्ला मचने पर फलई गांव के ग्रामीण घायलों को सीएचसी अगस्त्यमुनि लाए। जहां सर्जन वैभव कुमार ने महिला के सिर पर टांके लगाए, जबकि बहू पूनम को हल्की चोटे आई हैं। इलाज के बाद महिला की हालात स्थिर बताई जा रही है। सीएचसी अगस्त्यमुनि के चिकित्साधीक्षक डाॅ विशाल वर्मा ने बताया कि महिला के सिर पर गंभीर चोटे आई हैं। बड़ी मात्रा में खून भी बहा है। सर की चोटों को देखते हुए एहतियातन सीटी स्कैन के लिए आगे रैफर कर दिया गया है।