टिहरी झील से परेशान भल्डगांव और बधानगांव के ग्रामीणो ने विस्थापन की मांग को लेकर टीएचडीसी ऑफिस के बाहर बैठे धरने पर,

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एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील के कारण भल्डगांव और बधानगांव की जमीनों में लगातार भूस्खलन और मकानों में दरार पड़ रही है जिसको लेकर ग्रामीण डरे और सहमे हुए हैं ग्रामीण ग्रामीणों द्वारा लगातार टिहरी बांध परियोजना और पुनर्वास विभाग से विस्थापन की मांग करते आ रहे हैं,लेकिन 20 सालों से ग्रामीणो का विस्थापन नही हुआ, ग्रामीणो ने आज मजबूर होकर टीएचडीसी कार्यालय बी पुरम के बाहर विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं

ग्रामीणों ने कहा कि जब तक गांव का विस्थापन नहीं होता है तब तक धरना जारी रहेगा क्योंकि टिहरी बांध की झील में ग्रामीणों की जमीने डूब गई जिसके बदले टीएचडीसी के द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया और ना ही विस्थापन की कोई कार्रवाई की गई, टीएचडीसी नियमों के दांव पेच में ग्रामीणों को विस्थापन करने से आनाकानी कर रही है ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक ग्रामीणों का पुनर्वास नहीं हो जाता है तब तक धरना जारी रहेगा

सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी ने बताया कि टीएचडीसी के द्वारा बनाई गई संपार्श्विक क्षति से जूझ रहे हैं ग्रामीणों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने टी एच डी सी के दबाब मे आकर संयुक्त विशेषज्ञ समिति से संबंधित क्षेत्रों के विधायकों को बाहर किया है और अब समिति टी एच डी सी के दबाब मे आकर झूठा विवरण प्रस्तुत कर रही है। जिनसे ग्रामीणो का नुकसान हुआ है टीएचडीसी के द्वारा मनमानी की जा रही है जिसका ग्रामीणों को विस्थापन की समस्या से जूझना पड़ रहा है और जब तक ग्रामीणों का विस्थापन की कार्यवाही नहीं होती है तब तक टीएचडीसी ऑफिस के बाहर ही धरने पर बैठे रहेंगे चाहे हमारे ऊपर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही हो ग्रामीण डरने वाले नहीं हैं

टिहरी बांध परियोजना के निदेशक एल पी जोशी का कहना है कि ग्रामीण पुनर्वास 99% हो चुका है और जो छुटे लोग हैं उनको संयुक्त विशेषज्ञ समिति की टीम के द्वारा जांच करवाने के बाद जो रिपोर्ट आयेगी उसके बाद विस्थापन की कार्यवाही की जाएगी क्योंकि विस्थापन का काम टीएचडीसी का नहीं होता है विस्थापन का कार्य पुनर्वास बिभाग निदेशालय के द्वारा किया जाता है और जैसे ही पुनर्वास विभाग निदेशालय के द्वारा हमें जांच रिपोर्ट भेजी जाती है उसी आधार पर हम पुनर्वास बिभाग को विस्थापन के लिए पैसा देते हैं विस्थापन का काम करना पुनर्वास विभाग का है ना कि टीएसडीसी का ओर भल्डगांव और बधानगांव आदि गांवों का संयुक्त विशेषज्ञ समिति की टीम से जांच करवाने का बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी
और कहा कि हाई कोर्ट के द्वारा साफ निर्देश दिए गए हैं कि टीएचडीसी ऑफिस के बहार 200 मीटर के दायरे में कोई भी धरने पर नहीं बैठेगा और जो धरने पर बैठेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी,

वाइट सागर भंडारी सामाजिक कार्यकर्ता
बाइट एलपी जोशी अधिशासी निदेशक टीएचडीसी

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