टिहरी के भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल ने हरी झंडी दिखाकर, टिहरी जिले के मोटना निवासी त्रिलोक सिंह रावत अपने दो पुत्र ऋषभ और पारस ने आज एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील में सुबह 8 बजे दूसरी बार बिना लाइफ़ जैकेट के तैराकी शुरू की,
भाजपा के जिला अध्यक्ष राजेश नौटियाल ने हरी झंडी दिखाकर टिहरी जिले के प्रतापनगर विधानसभा के अंतर्गत मोटना निवासी त्रिलोक सिंह रावत अपने दो पुत्र ऋषभ रावत और पारसवीर के साथ आज सुबह 8 बजे कोटि कालोनी से तैराकी शुरू कर दी है,
25 सितंबर 2023 को एशिया के सबसे बड़ी टिहरी बांध की झील में बिना लाइफ जैकेट पहनकर सुबह 8 बजे कोटि कालोनी से तैराकी शुरू कर दी है
पहाड़ों में आज भी ऐसी कई प्रतिभाएं हैं जिन्हें मदद की जरूरत है और जो अभी तक सही प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाया ऐसे में सरकार को ऐसे छुपी हुई प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए अपने प्रयास करने चाहिए, जिससे छुपे हुए प्रतिभाएं आगे आकर देश प्रदेश का नाम रोशन कर सके
इन लोगो का कहना है कि पिछली बार हमने कोटि कालोनी से भल्डियाणा तक तैराकी कर सितम्बर 2021 में राज्य स्तरीय रिकॉर्ड बनाया था,इस बार हमने कोटि कालोनी से कंडीसोड तक तैराकी करने का लक्ष्य है,
टिहरी के भाजपा जिलाअध्यक्ष राजेश नौटियाल के सहयोग से जिला प्रशासन से टिहरी झील में तैराकी करने की अनुमति मिली है जिसके लिए उनको धन्यवाद देते हैं
आपको बता दें कि इससे पहले त्रिलोक सिंह रावत अपने दो पुत्र ऋषभ रावत और पारसवीर के साथ 30 सितंबर 2021 को कोटी कॉलोनी से भालड़ियाना तक बिना लाइव जैकेट की तैराकी करते हुए रिकॉर्ड बनाया था, 42 वर्ग किमी लंबी टिहरी झील में टिहरी जिले के प्रतापनगर के मोटणा गांव निवासी त्रिलोक सिंह रावत और उनके दो पुत्रों ने टिहरी झील में सवा 12 किलोमीटर तैर कर इतिहास रच दिया । दोनों पुत्रों ने जहां यह दूरी साढ़े तीन घंटे, वहीं पिता ने सवा चार घंटे में इसे तय किया। किसी भी व्यक्ति ने पहली बार टिहरी झील में तैर कर इतनी दूरी तय की है। इसके लिए विधिवत रूप से जिला प्रशासन से अनुमति ली गई थी। त्रिलोक सिंह रावत का कहना है कि अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए उन्होंने तैरने का फैसला लिया था
टिहरी झील किनारे कोटी कालोनी में आज सुबह 8 बजे आइटीबीपी की टीम की निगरानी में मोटणा गांव निवासी त्रिलोक सिंह रावत (50) और उनके बेटे ऋषभ (20) और पारसवीर (17) ने तैरकर अपनी यात्रा शुरू की। त्रिलोक सिंह रावत और उनके बेटों ने भल्डियाणा तक सवा 12 किलोमीटर दूरी तैरकर तय की। त्रिलोक सिंह रावत सवा चार घंटे में पहुंचे तो उनके बेटे ऋषभ और पारसवीर साढ़े तीन घंटे में भल्डियाणा तक पहुंचे थे