जानिये उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 24 दिसंबर को भू कानून और मूल आवास स्वाभिमान रैली होने जा रही है. इस रैली में लोगों को आने का निमंत्रण खुद उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी दे रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान युवाओं ने सशक्त भू कानून और मूल निवास की मांग जोरशोर से उठाई थी. अब मूल निवास और भू कानून आंदोलन की कमान प्रबुद्ध लोगों ने संभाल ली है लंबे समय से हो रही सशक्त भू कानून की मांग उत्तराखंड में राज्य स्थापना के बाद से ही हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू कानून लागू की मांग उठने लगी थी. जिसमें सबसे पहले 2002 में सरकार की तरफ से सावधान किया गया कि राज्य के भीतर अन्य राज्य के लोग सिर्फ 500 वर्ग मीटर की जमीन ही खरीद सकते हैं इस प्रावधान में 2007 में एक संशोधन कर दिया गया और 500 वर्ग मीटर की जगह 250 वर्ग मीटर की जमीन खरीदने का मानक रखा गया 6 अक्टूबर 2018 को भाजपा की तत्कालीन सरकार ने संशोधन करते हुए नया अध्यादेश प्रदेश में लाने का काम किया. उसमें उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियम 1950 में संशोधन करके दो और धाराएं जोड़ी गई. जिसमें धारा 143 और धारा 154 के तहत पहाड़ों में भूमि खरीद की अधिकतम सीमा को ही समाप्त कर दिया गया. यानी राज्य के भीतर बाहरी लोग जितनी चाहे जमीन खरीद सकते हैं.
राज्य सरकार की मंशा थी की इस नियम में संशोधन करने के बाद राज्य में निवेश और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन अब सरकार के इस फैसले का विरोध होने लगा है. इसके साथ ही राज्य में मूल निवास की अनिवार्यता 1950 करने की मांग की गई है. 1950 से राज्य में रह रहे लोगों को ही स्थाई निवासी माने जाने की मांग उठ रही है.लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में एक बार फिर मूल निवास और भू कानून का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है विभिन्न सामाजिक संगठनों ने 24 दिसंबर को देहरादून में आहूत मूल निवास स्वाभिमान रैली को सफल बनाने के लिए कमर कस ली है. इस मुहिम में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े नामचीन लोग भी वीडियो संदेश वायरल कर रैली को सफल बनाने की अपील कर रहे हैं 24 दिसंबर को मूल आवास स्वाभिमान रैली उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने भी वीडियो संदेश जारी कर अपनी बात कही है. लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के वीडियो संदेश को जनता वायरल करने के साथ ही अपने सोशल मीडिया के स्टेटस में भी लगा रही है. लोक गायक नेगी के अलावा कई अन्य प्रमुख और आम लोग सोशल मीडिया के जरिये मूल निवास स्वाभिमान रैली के समर्थन में प्रचार अभियान चलाए हुए हैं. प्रदेश के इस अहम मुद्दे पर जन संगठनों की हुंकार से प्रदेश में राजनीतिक हलचलें बढ़ने लगी हैं गैर राजनीतिक हो आंदोलन इन सभी के लिए अगर प्रदेश के महान कवि और लोक गायक इस तरह का आंदोलन करते हैं तो सराहनीय काम है. भविष्य में उनके साथ बहुत से लोग जुड़ेंगे भी. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को गैर राजनीतिक होना चाहिए