टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एल पी जोशी जी ने बताया कि एशिया के सबसे बड़े टिहरी डैम, जो 42 किलोमीटर तक फैला हुआ है, और टिहरी बांध परियोजना से पावर ग्रिड के माध्यम से नौ राज्यों को बिजली सप्लाई की जाती है,वर्तमान में टिहरी डैम से 1 हजार मेगावाट ,व कोटेश्वर डैम से 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है शेष 1 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिये पीएसपी ( पंप स्टोरेज प्लांट) का कार्य अंतिम चरण में है जिसको पूरा करने के लिये टिहरी डैम औऱ कोटेश्वर डैम से जून महीने में एक महीने के लिए बिजली का उत्पादन बंद करना पड़ेगा,टिहरी बांध परियोजना भारत की महत्वपूर्ण योजना है,
आपको बता दे की पंप स्टोरेज प्लांट में दो मशीन बॉक्स अप हो चुकी है और लगभग सिविल कार्य भी पूरा हो चुका है अब मात्र इस पीएसपी के आउटलेट का वाटर लेवल कम करना है उसे वाटर लेवल को कम करने के लिए हमें एक महीने के लिए टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम का प्लांट शटडाउन करके 1 महीने के लिए बंद रहेगा उस दौरान बिजली का उत्पादन पूरी तरह से बंद रहेगा,इसके लिए हमने हाई पावर अथॉरिटी से अनुमति भी ले ली है और हमारी कोशिश रहेगी की पंप स्टोरेज प्लांट का कार्य एक महीने के अंदर पूरा कर लिया जाएगा,
टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम मिलाकर 2400 मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए पीएसपी (पंप स्टोरेज प्लांट)का कार्य अंतिम चरण में है जिससे 1 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा,
पीएसपी (पंप स्टोरेज प्लांट)का कार्य अंतिम चरण में है और इसको पूरा बनाने के लिए टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम से बिजली का उत्पादन एक महीने के लिए जून में बंद हो जाएगा,
इसको देखते हुए टिहरी बांध परियोजना के अधिकारी जोर शोर से काम मे लगे है,ताकि एक महीने में काम को पूरा किया जाय,जब एक महीने बिजली का उत्पादन बंद रहेगा तो उस दौरान टिहरी डैम से कोटेश्वर डैम के बीच नदी का प्रवाह बंद रहेगा मात्र गंगा की अविरल धारा बहती रहेगी,इस बीच आपस पास के गाव और नई टिहरी शहर में पानी की कोई समस्या नही होगी,इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी की हुई है,और न ही मैदानी इलाकों में पानी की कमी होगी क्योंकि देवप्रयाग से लगातार नदी का पानी निरन्तर ऋषिकेश हरिद्वार, आदि मैदानी इलाकों की तरफ बह रही है,