आज के दिन नई दिल्ली में 27 नवंबर 1986 को विदेश मंत्री स्व श्री नारायण दत्त तिवारी की उपस्थिति में यूएसएसआर के साथ समझौते पत्र पर भारत और रूस के बीच हस्ताक्षर हुये थे, जिसकी एक फ़ोटो आज भी टिहरी डैम के लाइब्रेरी में टँगी है जिस फ़ोटो में प्रधान मंत्री स्व श्री राजीव गांधी और रूस के नेता श्री मिखाइल गोर्बाचेव के बीच समझौते के समय की फ़ोटो है,
27 नवंबर 1986 में भारत और तत्कालीन यूएसएसआर के बीच तकनीकी-आर्थिक सहयोग के लिए एक द्विपक्षीय समझौता हुआ
टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट लिमिटेड (अब टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड) को जुलाई, 1988 में एक संयुक्त रूप में शामिल किया गया था
टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स के विकास के लिए भारत सरकार और यूपी सरकार की उद्यम कंपनी
(2400 मेगावाट) और भागीरथी और भिलंगना घाटी में अन्य जलविद्युत परियोजनाएँ। टिहरी हाइड्रो पावर परिसर में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर बांध और एचपीपी (400 एमआईडब्ल्यू) और टिहरी पम्पिंग स्टोरेज प्लांट (1000) शामिल हैं।
टिहरी बांध परियोजना के लिए आज का दिन बहुत खास है और आज के ही दिन टिहरी बांध परियोजना के तत्कालीन यूएसएसआर के साथ समझौता हुआ था जो अब एक मिनी नवरत्नों में शामिल है साथ ही 9 राज्यों में बिजली दे रहा है टिहरी बांध का नाम आज देश विदेश में प्रसिद्ध है,