नई टिहरी। टिहरी बांध से प्रभावित रौलाकोट गांव के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। प्रतीतनगर, देहराखास और केदारपुरम में आवंटित आवासीय और कृषि भूखंड अब टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) विकसित करेगी। इससे प्रभावित परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से लैस प्लॉट मिल सकेंगे। जिससे वे अपना घर बना सकेंगे और कृषि कार्य शुरू कर सकेंगे।
रौलाकोट गांव के 113 बांध प्रभावितों को पुनर्वास विभाग ने 2022 में देहरादून जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आवासीय और कृषि भूमि आवंटित किए थे। लेकिन अविकसित भूखंडों के कारण प्रभावित परिवार वहां न तो घर बना पा रहे थे और न ही खेती कर पा रहे थे। पहले यह कार्य पुनर्वास विभाग की जिम्मेदारी थी, लेकिन अब टीएचडीसी ने इसे अपने हाथ में ले लिया है। प्रतीतनगर के बांध प्रभावितों की समस्याओं के संबंध में रौलाकोट गांव निवासी अरिवंद नौटियाल ने टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक को ज्ञापन सौंपा।
टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने बताया कि प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतीतनगर में भूखंडों को विकसित करने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसमें सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। ताकि प्रभावित परिवार बिना किसी बाधा के अपने नए स्थान पर बस सकें।
भूखंडों को विकसित करने के लिए पहले पुनर्वास विभाग को पांच करोड़ रुपये की राशि दी गई थी। इसके बाद पुनर्वास विभाग ने अतिरिक्त दो करोड़ रुपये की मांग की थी। बताया बीते 23 अगस्त को सिंचाई मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि अब यह कार्य पूरी तरह से टीएचडीसी के अधीन रहेगा। टीएचडीसी के पास पहले से ही पुनर्वास और आधारभूत संरचना विकसित करने का अनुभव है। इसलिए अब पुनर्वास विभाग के कार्यों को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए टीएचडीसी विशेषज्ञ अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती कर रही है, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रभावितों को जल्द से जल्द विकसित भूखंड उपलब्ध हो सकें।