प्रयागराज महाकुम्भ स्नान के लिए टिहरी डैम से छोड़ा जा रहा है पानी,कुम्भ में टिहरी डैम निभा रहा है अहम भूमिका,

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महाकुंभ में श्रद्धालुओं को प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने के लिए टिहरी झील से भरपूर जल मिलेगा।

कुंभ स्नान के लिए 15 दिसम्बर से 26 फरवरी तक टिहरी बांध की झील से गंगा में छोड़ा जा रहा है पानी,डिमांड के अनुसार दिया जाएगा अतिरिक्त पानी,प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान गंगा में पानी की कमी नहीं होगी इसके लिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अनुरोध पर 20 जनवरी के बाद टिहरी बांध की झील से गंगा में अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए टीएचडीसी ने कमर कस ली है। अभी टिहरी बांध की झील से गंगा में प्रतिदिन 200 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। टीएचडीसी के अधिकारियों के अनुसार, कितना पानी अतिरिक्त छोड़ा जाएगा अभी यह तय नहीं है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की ओर से मांग का इंतजार किया जा रहा है।उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 14 जनवरी से महाकुंभ शुरू होने जा रहा है। यह मेला 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु मां गंगा में स्नान करेंगे। महाकुंभ में बड़ी संख्या में साधु-संत भी गंगा में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। इस दौरान गंगा में स्नान के लिए भरपूर पानी रहे, इसके लिए 42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली टिहरी झील से गंगा में अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने अतिरिक्त पानी छोड़ने के संबंध में टीएचडीसी प्रबंधन को पत्र भेजा है। इसमें 20 जनवरी के बाद अतिरिक्त पानी छोड़ने का आग्रह किया गया है।

वही टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एल पी जोशी ने कहा कि 20 जनवरी तक टिहरी बांध की झील से प्रतिदिन 200 क्यूमेक्स पानी ही गंगा में छोड़ा जाएगा। इसके बाद अतिरिक्त पानी छोड़ने का आग्रह उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने किया है, जिससे महाकुंभ के बड़े स्नानों के दौरान गंगा में जलस्तर कम न होने पाए। इसके लिए तैयारी कर ली गई है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं को प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने के लिए भरपूर जल मिलेगा। टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन) ने यूपी सिंचाई विभाग की मांग के अनुसार कुंभ के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ना शुरु कर दिया है।

टीएचडीसी अधिकारियों ने कहा कि भागीरथी का पानी गोमुख से गंगोत्री – टिहरी झील-कोटेश्वर डैम -देवप्रयाग-हरिद्वार- से लेकर प्रयागराज तक सभी गंगा घाटों को लबालब भरने के लिए पर्याप्त पानी है।

प्रयागराज कुंभ मेले का आरंभ 14 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान पर्व से हो जाएगा। पौराणिक मान्यता है कि कुंभ में गंगा स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि कुंभ मेले में संगम
तटों पर डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है।दरअसल सर्दी में कम बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने के कारण नदियों का जलस्तर कम हो जाता है। यही कारण है कि रविवार को भागीरथी नदी में 34.01 क्यूसेक और भिलंगना नदी में 22.28 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। ऐसे में कुंभ मेले में गंगा घाटों पर पानी की कमी न हो, इसके लिए यूपी ने टीएचडीसी को कुंभ मेले के दौरान अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग की है।टीएचडीसी प्रशासन ने भी कुंभ के लिए गंगा में डिमांड के अनुसार अतिरिक्त पानी छोड़ना शुरू कर दिया है वर्तमान में टिहरी झील का जल स्तर 811.04 आरएल मीटर है और झील से 220 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। टीएचडीसी के अधिकारियों के मुताबिक झील में कुंभ मेले के पानी से लबालब भरी टिहरी बांध की झील

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