वोट संचालित न होने के कारण ग्रामीण मरीजों को अस्पताल तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि झील के कारण बांध प्रभावितों को आर-पार जाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, जिसको लेकर पुनर्वास निदेशालय ने ग्रामीणों की परेशानियों को देखते हुए अनुबंध के आधार पर नौताड़, नकोट, डोबरा, रौलाकोट, चांठी आदि स्थानों पर वोट लगाई गई। लेकिन नई साल आते ही वोट संचालकों द्वारा वोटों का संचालन बंद कर दिया गया है। जिस कारण गांव के लोग 3 दिन से अपने खाने-पीने के सामान, अस्पताल व रोजमर्रा के काम करने के लिए बाजार नहीं जा पा रहे हैं।यदि जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही वोटों को आवागमन के लिए फिर से संचालित नहीं किया जाता है तो हमें मजबूरन धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
प्रभारी जिलाधिकारी अभिषेक रोहिल्ला ने कहा कि टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों से इस संबंध में वार्ता करके बांध प्रभावितों की समस्याओं को देखते हुए वोटों का संचालन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा