टिहरी गढ़वाल लॉक डाउन के कारण टिहरी जिले के तीन जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा अपने जिले के साथ साथ विदेश में पढ़ रहे बच्चो को भी दे रहे है लॉक डाउन का पालन करने के निर्देश
कोरोना से देश दुनियां परेशान है वही कोरोना के खिलाफ पूरी दुनिया लड़ाई लड़ रही है। ऐसे में टिहरी जिले की बात करें तो यहां पर भी पुलिस, स्वास्थ्य और सफाई कर्मियों के अलावा हजारों कर्मचारी अपने फर्ज को निभा रहे हैं। इन्हीं में कुछ अफसर ऐसे हैं जिनके बच्चे विदेशों में अपने- अपने कालेजों और घरों में कैद हैं। लेकिन ये अफसर अपनी ड्यूटी और अपनी निजी जिंदगी दोनों का फर्ज अदा कर रहे हैं।ओर हर दिन अपने बच्चो से वीडियो कॉल करके उनका हालचाल जान रहे है और उन्हें लॉक डाउन का पालन करने के लिए बोल रहे है
टिहरी जिले के एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत का बेटा ऋत्विक रावत न्यूयार्क की स्टोनी ब्रुक कैंपस में कंप्यूटर साइंस मास्टर की पढाई कर रहे हैं। न्यूयार्क में कोरोना संक्रमण बेहद खतरनाक रुप ले चुका है। हर दिन डा. रावत और उनकी पत्नी लता रावत सुबह और शाम दो वक्त अपने बेटे से बात कर उसे सावधानी से रहने की नसीहतें देते हैं। ऋत्विक के कालेज को भी कोरोना अस्पताल बनाया गया है और कुछ कमरों में विदेशों के छात्रों को रखा गया है। अपने बेटे की चिंता के बावजूद एसएसपी रावत जिले में लॉकडाउन का पालन और अन्य जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं।
टिहरी जिले की सीएमओ डा. मीनू रावत का बेटा कनिष्क रावत भी फिलिपिंस के डोगोपाल सिटी में नार्थ वेस्ट यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। डा. मीनू रावत और उनके पति उत्तरकाशी के एसीएमओ डा. सीएस रावत हर दिन फोन पर अपने बेटे से बात कर रहे हैं।सीएमओ डा. मीनू रावत दिन भर कोरोना वायरस को लेकर चले रहे आपॅरेशन में अहम भूमिका में रहती हैं लेकिन वह दोनों जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं।
टिहरी जिले के जिला उद्यान अधिकारी डा. डीके तिवारी की बेटी शिवानी तिवारी भी फिलिपिंस के मनीला में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। डा. तिवारी बताते हैं कि हर दिन वह फोन पर बेटी को सुरक्षित घर में ही रहने के लिए कहते हैं। बेटी की चिंता भी है लेकिन अपनी ड्यूटी भी निभानी जरुरी है