बिग ब्रेकिंग टिहरी दुबई के एक होटल ADNH COMPASS HOTAL में
काम करने गए टिहरी जिले में सकलाना पट्टी के सेमवाल गाव निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को हार्ट अटैक से मोत हुई थी तब से लेकर कमलेश भट्ट के परिजन डेडबॉडी भारत लाने की मांग कर रहे थे
दुबई में रह रहे सामजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी के प्रयासों से 23 अप्रेल की रात को दुबई के आबूधाबी एयरपोर्ट से एक कार्गो बिमान द्वारा 3 डेडबोडी दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के समीप कार्गो टर्मिनल गेट नंबर 6 में आई, जिसमे कमलेश की डेडबोडी भी थी, भारतीय एंबेसी द्वारा बीती रात को 10 बजे एक आदेश निकाला गया कि बाहर से जितने भी आने वाली डेड बॉडी है उनको ना लिया जाए ,इसके चलते कमलेश भट्ट की डेड बॉडी कमलेश भट्ट की परिजनों को नहीं मिल पाई जिस कारण कमलेश भट्ट की डेड बॉडी सहित तीनों बॉडी वापस दुबई आबूधाबी एयरपोर्ट के लिए विमान से वापस लौटा दी गई है,
कमलेश की डेड बॉडी परिजनो को न मिलने से निराश होकर सुबह 5 बजे वापस उत्तराखंड के लिए लौटना पड़ा,
जब कमलेश भट्ट का परिवार बहुत गरीब है और वह उत्तराखंड सरकार से लोक डाउन के दोरान पास बनाकर एम्बुलेंस लेकर डेडबोडी लेने दिल्ली गए थे,लेकिन सरकारी नियमो के चलते यह मायूष होकर लोट आये,अब दुबारा से सामाजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी से आश लगाए बैठे है कि वह कुछ कर सकते है क्योंकि कमलेश भट्ट के परिजनों के पास इतना संसाधन व रुपया नही है कि वह दुबई आबूधाबी जाकर अपने बेटे के शव को वापस लाये,
अब कमलेश भट्ट के परिजनों को फिर से सामाजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी पर एक आशा की किरण नजर आ रही है कि वही उनके बेत्व का शव दिला सकते है
पिता का नाम हरि प्रसाद भट्ट और माता का प्रमिला देवी ने कहा कि वह एक साल पहले वह अपनी बहिन की शादी में घर आया था।
आपको बता दे कि सामाजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी अब तक विदेश में फंसे हज़ारों युबको को भारत वापस अपने वतन भेज चुके है,जो नोकरी