टिहरी-रौलाकोट विस्थापन की मांग को लेकर जिला प्रशासन ने तीन मुख्य विन्दुओं (1) ग्राम संजायत की भूमि को प्रत्येक ग्रामवासी के अंश में समिल्लित करने के सम्बंध में (2) पेड़ो के भुगतान (3) पुनर्वास बिभाग को भूमि उपलब्ध होने पर आवंटित,इनपर अपनी सहमति दी है और कह है कि दो महीने के अंदर रोलाकोट विस्थापन को लेकर की जाएगी और अगर दो महीने के अंदर कार्यवही नही होती है तक फिर रौलाकोट के ग्रामीण जिला प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ सकते है,
रौलाकोट गाव के आधी जनता ने रोलाकोट विस्थापन को लेकर की जा रही है राजनीतीमाना है कि जिले में नई नई जिलाधिकारी आई है और ग्रामीणो की तरफ से जिला प्रशासन को दो महीने का समय दिया जाना चाहिए ताकि गाव के विस्थापन की कार्यवाही हो सके,जब इतने साल हो गए है तो दो महीने बीतने में समय नही लगता इस लिए जिला प्रशासन को दो महीने का समय दिया जाना रौलाकोट गाव के हित मे सही होगा,
आश्चर्य की बात है कि रौलाकोट गाव में कुछ बाहरी लोग गाव में आकर भोली भाली रौलाकोट की जनता को गुमराह करके इसे राजनीति मोड़ दे रहे है जिससे गाव का विस्थापन अधर में लटकने की संभावना बन गई है,
जबकि जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर सभी मांगो का सहमति पत्र के साथ कार्यवाही करने का वादा किया है फिर भी गाव के कुछ लोग ग़ुमराह होकर गाव को अंधकार की तरफ ले जाने का काम कर रहे है
ग्रामीण चाहिए कितना धरना प्रदर्शन करे,विस्थापन ओर अन्य मुद्दों को लेकर आखिर में ग्रामिणो को जिला प्रशासन के सामने वार्ता करनी ही पड़ेगी,क्योंकि काम जिला प्रशासन की टीम ने ही करना है और अगर ग्रामीण अपने जिद्द में रहेगे तो गाव को ही नुकसान उठाना पड़ेगा,
समय रहते ग्रामीण राजनीति करने वाले लोगो की चाल नही समझ पाए तो फिर जैसे गाव के लोग इससे पहले गुमराह होकर इतने सालों में विस्थापित नही हो सके ओर फिर ऐसे ही ओर गुमराह होकर गाव को ओर 10 साल पीछे धकेलने का काम कर रहे है,
साथ ही राजनीति करने वाले लोगो का तरीका देखो की जिन्होंने विस्थापन की कार्य करनी है उन्ही के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है जिससे साफ लग रहा है कि वह गाव के विस्थापन की कार्यवाही चाहते ही नही है उन्हें सिर्फ राजनीति करनी है अगर यह राजनीति करने वाले लोग सच मे गाव का भला चाहते तो उन्हें दो महीने देखना चाहिए, क्योंकि हर अधिकारी का काम करने के अपने अपने तरीके होते है
रोलकोट विस्थापन के लेकर आंदोलन पर बैठे ग्रामीणों को लेकर जिलाध्यक्ष विनोद रतूड़ी ने कहा जिला प्रशासन व सरकार विस्थापन को लेकर तत्पर व संवदेनशील है, लेकिन कुछ लोग आंदोलन में राजनीती कर ग्रामीणों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। गुमराह करने वाले अन्य विरोधी दलों के लोग हैं।