ओणश्वर महादेव मंदिर टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र में पड़ता है। यह क्षेत्र का प्रसिद्ध शिवालयों में है। पहले यह मंदिर काफी प्राचीन था, लेकिन अब इस मंदिर को काफी भव्य बनाया गया है। शिवरात्रि पर यहां दूर-दराज क्षेत्रों से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। शिवरात्रि पर्व के शुरुआत में यहां पर दो दिन का मेला भी आयोजित होता है। मेले में यहां पर काफी भीड़ उमड़ती है। यह मंदिर सड़क मार्ग से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
ओणेश्वर मंदिर प्रतापनगर क्षेत्र का प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर के गर्भगृह में विशाल शिवलिंग स्थापित है, जो हमेशा चावलों से लिपटा रहता है। मान्यता है कि निसंतान दंपती शिवरात्रि के अवसर पर रात्रि में जागरण कर हाथ मे जलते दिये को लेकर संतान प्राप्ति की कामना करते हैं। शिवलिंग पर बेलपत्री व गंगाजल से श्रद्धालुओं की ओर से पूजन किया जाता है। यहां पर आज भी आम जनमानस अपने हाथों से जल या पूजा का सामान नहीं चढ़ा सकता है।
ग्राम पंचायत देवल के रावल ही पीढ़ियों से ओणेश्वर महादेव की सेवा करते आ रहें है। गर्भ गृह में श्रद्धालु द्वारा शिवलिंग पर गंगा जल गाय का दूध बेल पत्र पूजा का सामान लाया जाता है। रावल द्वारा ही उसे शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है। वैसे तो मंदिर में हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है। शिवरात्रि के यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। शिवरात्रि में यहां पर कई बार रात्रि जागरण भी होता है। यह शिवालय काफी पुराना है।
ओणेश्वर मंदिर जिला मुख्यालय लगभग 80 किमी दूर पट्टी ओण के देवल गांव में स्थित है। जिला मुख्यालय से चंबा भल्डियान लंबगांव होते हुए मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। लंबगांव-कोटलगांव-चमियाला होते हुए भी यहां पहुंचा जाता है। छोटे वाहनों से भी सीधे मंदिर तक पहुंचा जाता है।
ओणेश्वर महादेव में कई नि:संतान दंपती मे शिवरात्रि के अवसर पर यहां रातभर मनोकामना के लिए पूजा-अर्चना करते पहुंचते हैं। यह पौराणिक परंपरा है। मंदिर के कपाट वर्षभर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुले रहते हैं। शिवरात्रि में यहां दूर-दराज क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद भट्ट का कहना है कि ओणेश्वर मंदिर के प्रति क्षेत्र के लोगों की अटूट श्रद्धा है। यहां पर क्षेत्र के लोगों के अलावा बाहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर सड़क से समीप है, जिससे यहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर को अब भव्य रूप दिया गया है।
टिहरी जिले की ओण पट्टी के देवल गांव में क्षेत्र के प्रमुख आराध्य देवता ओणेश्वर महादेव महादेव का मेला धूमधाम से मनाया गया। मेले का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने किया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति के द्योतक हैं। पहाड़ की संस्कृति का चित्रण मेले करते हैं। सिद्ध ओणेश्वर महादेव मेले को उन्होंने प्रतापनगर का प्रमुख मेला बताते हुये कहा कि मेले के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए हमे प्रयासरत रहना होगा।
मेले का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने किया। इस मौके पर ओणेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद ने अतिथियों को स्वागम माल्यार्पण कर किया। मेले के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये प्रतापनगर के ब्लाक प्रमुख प्रदीप रमोला ने कहा कि ओणेश्वर मेला क्षेत्र का प्रमुख मेला है। जिसके संरक्षण के लिए ब्लाक स्तर पर भी निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि यह मेला आस्था ही नहीं, श्रद्धा का भी प्रतीक है। मेले में सुबह से मेलार्थियों व श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही है। ओणेश्वर महादेव के दर्शन के लिए जिले के अलावा बाहर से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। मंदिर में दर्शन के लिए सुबह से दोहपर तक भारी भीड़ जुटी रही। मेले में देवल गांव के आस-पास के दर्जनों गांव से पहुंचे मेलार्थियों ने मेले में जमकर कपड़ों, खिलौनों, श्रृगांर सामग्री, बर्तन व दैनिक उपभोग के वस्तुओं की खरीददारी की। दूर-दराज से पहुंचे कारोबारियों ने मेले में जमकर सामानों की बिक्री की। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य रघुवीर सजवाण, प्रमुख जाखणीधार सुनीता देवी, मुरारी लाल खंडवाल, कांगेस के जिलाध्यक्ष राकेश राणा, शिव सिंह थलवाल, प्रधान विकास नौटियाल आदि मौजूद रहे।