बिक्टोरिया क्रास बिजेता शहीद गब्बर सिह नेगी के जयंती को आज 108 साल हो गए है इस मौके पर चम्बा शहर में शहीद गब्बर सिंह नेगी के स्मारक पर सैनिक कल्याण केबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने फूल माला पुष्पचक्र चढ़ाकर श्रद्धाजंलि दी गयी तथा उनकी शहादत को याद किया गया।
सैनिक कल्याण का कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा मंत्री ने कहा कि मैं अभी कल ही सीडीएस बिपिन रावत से मिला हूं और मैंने विपिन रावत जी से उत्तराखंड के सैनिकों सैनिक कल्याण के बारे में चर्चा की है और मांग की है कि उत्तराखंड बने हुए 20 साल से अधिक हो गया है और हम अभी भी यूपी के लखनऊ से कार्य चला रहे हैं इसलिए उत्तराखंड का अलग बीआरओ कार्यालय बनाई जाए जिससे उत्तराखंड के सभी सैनिकों की समस्याओं का समाधान राज्य स्तर पर ही हो सके साथ ही कहा कि कोर्णाक आल को देखते हुए इस कार्यक्रम को सूचित किया गया है और शहीद विक्टोरिया क्रॉस विजेता गब्बर सिंह नेगी के गांव का जो मकान टूटी-फूटी अवस्था में पड़ा है उसको संग्रहालय बनाने के लिए सैनिक कल्याण विभाग से पहल करवाई जाएगी और सैनिकों की हर तरह की मदद के लिए सरकार तैयार है
मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे वीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की दिली इच्छा थी कि वह इस कार्यक्रम में आएंगे लेकिन कोरना को देखते हुए उन्होंने मुझे प्रतिनिधि के तौर पर यहां भेजा है और हम भाग्यशाली हैं कि हमने इनकी जन्म स्थली में जन्म लिया हैं और हम सब गब्बर सिंह नेगी को आज नमन करें हैं
विक्टोरिया क्रॉस विजेता गब्बर सिंह नेगी के जयंती पर कवि सोमवारी लाल सकलानी ने अपनी कविता के माध्यम से उन्हें नमन और याद किया
शहीद सेनानायक बीर गब्बर सिह चम्बा मज्यूड गाव के निवासी का जन्म 21 अप्रैल 1895 में हुआा था ओर 10 मार्च 1915 में प्रथम बिश्व युद्ध के दोरान दुश्मनो के छक्के छुडाते हुये शहीद हो गये।
शहीद सेनानायक बीर गब्बर सिह 19 अक्टूबर 1912 को द्धितीय गढवाल राइफल में भर्ती हुये थे प्रथम बिश्व युद्ध के दोरान जब बिर्टिश सेना जर्मन सेना के सामने टिक नही पा रही थे तो ब्रिर्टिश सेना की ओर से गब्बर सिह के नेतृत्व में गढवाल राइफल के जवानो ने जर्मन सेना के दांत खटटे कर दिये इस दोरान गब्बर सिह ने जर्मन सेना के कई किलो को अपने कब्जे में ले लिया ओर कई को ध्वस्त कर दिया। जिसमें कई जर्मन सेना मारे गये ओर 350 से अधिक जर्मन सेना ने गब्बर सिह के सामने आत्म सर्मपण किया
इसके बाद 10 मार्च 1915 को गढवाल राइफल ने जर्मन के प्रसिद्ध न्यू चैपल लैंड पर कब्जा किया इस युद्ध में गब्बर सिह शहीद हो गये जिसे सरकार ने मरणोपरान्त बिक्टोरिया क्रास बिजेता का सम्मान दिया गया गब्बर सिह एक मात्र शहीद हे जिसे सबसे कम उम्र में यह पदक मिला।
तब से इनके जन्म दिवस ओर शहीद दिवस धूम धाम से मनाया जाता है लेकिन इस बार कोरोना के चलते कार्यक्रम को सूक्ष्म किया गया,