नाइजीरिया में टिहरी के जबर सिंह की मौत से घर मे मातम,परिजनों ने राज्य व केंद्र सरकार से की शव को भारत लाने की मांग

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कहते है कि जब समय बुरा आता है तो इंसान की किस्मत बदलती देर नही लगती ऐसा ही कुछ हुआ थौलधार विकासखंड के नगुन पट्टी क्षेत्र के रमोलसारी गाँव के निवासी भाग सिह के साथ । रमोलसारी निवासी विकलांग भाग सिह जिसने की गाँव मे ही दिनरात मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों की लिखाई पढाई करवाकर सोचा था कि बेटों की नौकरी लग जाने के बाद शायद वे उसे बुढापे का सहारा बन सकून देगें लेकिन शायद भगवान को ऐसा कुछ मंजूर नही था । रमोलसारी निवासी भाग सिह की संघर्ष भरी जिन्दगी अब बुढापे मे उसके लिए दुखों का पहाड़ ले आई भाग सिह के जुवन से जुड़े पहलू कुछ ऐसे है कि जिसको सुनकर पत्थर दिल भी पिघल सकता है भाग सिह की जीवन कहानी एक गरीब परिवार से शुरू होती है लेकिन शादी के बाद जब भाग सिह बच्चों की लिखाई पढाई की लिए जी तोड़ मेहनत मजदूरी करता था तो गाँव मे बर्ष 2005-06 मे गाँव के पास भारी भूस्खलन के कारण भाग सिह की पत्नी की मौत हो गई जिसके बाद बच्चों के लालन पालन का सारा जिम्मा भाग सिह के कन्धो पर आ गया जिसके बाद भाग सिह की रोज की दिनचर्या बच्चों को खाना बनाने ,समय से स्कूल भेजने ,खेती बाड़ी मे उलझ कर रह गई जिसके बाद उसने फिर भी हिम्मत न हार बेटो को लिखाया पढाया और कुछ साल बाद बड़ा बेटा विदेश जा कर नाइजीरिया के एक होटल मे नौकरी करने लगा भाग सिह को अब कुछ किस्मत बदलने की उम्मीद सी दिखाई दी कुछ समय बाद उसने बड़े बेटे की शादी की तभी उसका छोटा बेटा भी नाइजीरिया चले गया और वहां पर होटल मे नौकरी करने लगा लेकिन जब तक भाग सिह अपनी खुशी के दिन देख पाता तभी नाइजीरिया मे उसके बड़े बेटे की तबियत खराब होने की सूचना मिलती है जिसे कि वापस भारत भेजा जाता है लेकिन अस्वस्थ बेटे ने दून के एक अस्पताल मे दम तोड़ दिया जिसके बाद फिर से भाग सिह के कन्धो पर मृतक बेटे की बहू की जिम्मेदारी आ जाती है लेकिन छोटे बेटे ने भाग सिह को ढाढस बधाया कुछ समय बाद भाग सिह ने छोटे बेटे जबर सिह की शादी की जिसके की एक बेटा और एक बेटी है लेकिन जब तक कि फिर भाग सिह सभल पाता तभी 24 अगस्त की सुबह को नाईजीरिया से छोटे बेटे जबर सिह की मौत की सूचना मिली जो ताज रेस्टोरेंट होटल में नोकरी करता थ इसकी मोत की खबर मिलते ही भाग सिह के गांव परिवार मे मातम पसरा हुआ है और सभी का रो रो कर बुरा हाल है अब दो विधवा बहुओं व दो पोतो की जिम्मेदारी भाग सिह के कन्धो पर आ गई हंलांकि जबर सिह के शव को भारत लाने की माँग कई समाजसेवियों व रिश्तेदारों के द्वारा की जा रही है

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