टिहरी झील के आसपास प्रभावित ग्रामीणों के विरोध के बाद भी उत्तराखंड सरकार ने टीएचडीसी को टिहरी झील का जलस्तर 830 आर एल मीटर भरने की अनुमति दे दी जिससे टिहरी झील के आसपास बसे गांव के लोगों में आक्रोश बना हुआ है ग्रामीणों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार ने टीएसडीसी को टिहरी झील के जलस्तर 830 आर एल मीटर भरने की अनुमति गलत दी है क्योंकि टीएचडीसी के द्वारा अभी कई गांव का विस्थापन नहीं किया है और टीएचडीसी कई सालों से टिहरी झील के आसपास बसे गांव के विस्थापन करने के लिए आनाकानी करती आ रही है परंतु उत्तराखंड सरकार में फिर भी ग्रामीणों की समस्याओं को अनदेखी करते हुए टीएसडीसी को 830 आर एल मीटर तक जल स्तर भरने की अनुमति दे दी है जिससे टिहरी झील के आसपास बसे गांव के लोग उत्तराखंड सरकार के इस निर्णय से नाराज हैं
ग्रामीणों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार को तब तक टिहरी झील का जलस्तर 830 आर एल मीटर भरने की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी जब तक झील के किनारे बसे प्रभावित परिवारों का पुनर्वास नहीं हो जाता ! जबकि जैसे बारिश होती है या झील का जलस्तर घटता बढ़ता है तो टिहरी झील के आस पास बसे गाव की जमीनों में कटाव भूस्खलन हो जाता है और गाव के लोग डर के साये में जीने को मजबूर है
लेकिन उत्तराखंड सरकार ने ग्रामीणों की परेशानियों को दरकिनार करते हुए फिर भी टीएसडीसी को टिहरी झील का जलस्तर 830 आर एल मीटर भरने की अनुमति दे दी सरकार के द्वारा अनुमति देने पर ग्रामीण नाराज हों गए है,
ग्रामीणों ने साफ साफ कहा है कि अगर झील के जलस्तर बढ़ने से कहीं ना कहीं झील के आसपास बसे गांव को खतरा पैदा हो गया है और भविष्य में अगर इन गांव में कोई भी खतरा या जन हानि होती है तो इसके जिम्मेदार उत्तराखंड सरकार और टीएसडीसी रहेगी क्योंकि अभी तक टीएचडीसी ने कई वर्षों से टिहरी झील के किनारे प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की
टिहरी जिलाअधिकारी ने बताया कि टिहरी डैम का जो डिजाइन लेबल है 830 मीटर तक भरने का है और कई प्रकरण मुआवजे से सम्बंधित थे जो डिसाइड नहीं हुए थे लेकिन अब उसमें सहमति बनी है और उत्तराखंड शासन के द्वारा टीएचडीसी को इस कंडीशन में सहमति दी गई की टीएसडीसी ग्रामीणों के मुआवजे विस्थापन में मदद करेगी और जलस्तर बढ़ने के बाद जो जनहानि या नुकसान भूस्खलन आदि की घटना होती है तो उसका भरपाई करेगी और झील का जलस्तर के कारण कोई नुकसान नही होगा तथा स्टेबल रहता है तो इन्हीं शर्तों के आधार पर शासन के द्वारा अनुमति दी गई है,