टिहरी जिले के चंबा मसूरी फल पट्टी में सरकार के नियमो को ताक पर रखकर किसान दे रहे है कॉटेज और होटल बनाने के लिए लीज पर,
आपको बता दें कि टिहरी जिले के अंतर्गत चंबा मसूरी फलपट्टी में किसानों को फलों का खेती करने के लिए सरकार के द्वारा फलपट्टी प्लॉट आवंटित किए गए थे जिसमें किसान सिर्फ खेती करके अपने आजीविका और रोजगार कर सके,
लेकिन चंबा मसूरी फलपट्टी में किसानों ने इन फल पट्टी का अवैध तरीके से बाहरी लोगों को प्लीज पर देकर कॉटेज व होटल बनवा दिए हैं जिस पर अभी तक ना तो जिला उद्यान अधिकारी और ना ही जिला प्रशासन और ना ही उत्तराखंड सरकार ने कोई कार्यवाही की ओर न ही इस ओर कोई ध्यान दिया
जिस कारण चंबा मसूरी फल पट्टी में हजारों की संख्या में बाहरी लोगों ने किसानों की जमीन को लीज पर लेकर कॉटेज होटल बना दिए हैं
और अब किसान लीज पर दी हुई जमीन का किराया लेकर खा रहे हैं
सरकार के नियमो को ताक पर रखकर किसान फलपट्टी पर कोई फल व सब्जियां व खेती नही कर रहे है बल्कि फल पट्टी को लीज पर देकर किराया वसूल रहे हैं
जब इस बारे में जिला उद्यान अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि सरकार के द्वारा किसानों को 1965 -70 में जो फल पट्टी दी गई है किसान उसमें सिर्फ अपने लिए सब्जी रोजगार व खेती करके अपना रोजगार कर सकता है और कोई भी किसान सरकार के मानकों की अनदेखी करते हुए आवंटित फल पट्टी को बाहरी व्यक्तियों को लीज पर देकर किराया वसूल रहा है तो उसका पट्टा निरस्त किया जाएगा क्योंकि अभी तक जिला प्रशासन जिला उद्यान विभाग की तरफ से अभी तक किसानों के द्वारा उल्लंघन करने के मामले में 11 पट्टे निरस्त किए गए हैं 20 पट्टे बेचने वाले के निरस्त किये है कुल मिलाकर 433 पट्टे को किसानों को दिया गया है
पर्यटन अधिकारी सुरेश यादव का कहना है कि चंबा मसूरी फल पट्टी पर जितने भी होटल व कॉटेज बनाए जा रहे हैं उनके द्वारा लाइसेंस लेने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और जो जो होटल स्वामी ऑनलाइन करते समय कागजों को समिट करता है उसी आधार पर लाइसेंस जारी होता है साथ जो शर्तें होती है कि अगर किसी भी होटल स्वामी के द्वारा झूठा पेपर दिया जाता है तो उस पर कार्यवाही की जाती है