एशिया के सबसे बड़ी टिहरी बांध की झील आजकल पानी से लबालब भरी हुई है और जो देखने में बहुत सुंदर लग रही है वही दूसरी तरफ टिहरी झील का जलस्तर बढ़ाने से जो झील के चारों तरफ फैली गंदगी कूड़ा कचरा सड़े हुए मानव व जानवरों के शरीर टिहरी झील की सुंदरता पर ग्रहण लगाने का काम कर रही है जिससे झील के आसपास रहने वाले गांव में बीमारी फैलने का डर बना हुआ है और आजकल टिहरी झील के समीपवर्ती गांव नकोट रौलाकोट कंगसाली उप्पू आदि के ग्रामीणों को लगातार बुखार से पीड़ित है जिससे ग्रामीण परेशान हैं
ग्रामीणों टीएचडीसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि टीएचडीसी ने टिहरी झील का जलस्तर बढ़ाकर अपना काम कर दिया और बिजली उत्पादन करने में लगी है परंतु टिहरी झील में फैली गंदगी को साफ सफाई करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है जिस गंदगी के कारण टिहरी झील के आसपास बीमारियां फैल रही है,
आजकल टिहरी झील में मच्छर व कीटाणु जर्म्स आदि फैलने से लोग परेशान हैं परंतु टीएचडीसी के द्वारा अपने सीएसआर मद के माध्यम से टिहरी झील के साफ-सफाई पर कोई ध्यान नहीं दे रही है जबकि टीएचडीसी अपने सीएसआर मदद से मैदानी क्षेत्रों में अनाप-शनाप जगह पर पैसा बर्बाद करने में लगी है
आपको बता दें कि पिछले साल टिहरी झील में फैली गंदगी के कारण ऐसे मच्छरों व कीटाणु उत्पन्न हुए थे जिन मच्छरो के काटने से आदमी की मौत हो रही थी जिसमें प्रतापनगर के मोटना गाव के एक लड़के की मच्छर के काटने से मौत हुई थी,देहरादून इलाज के दौरान डॉक्टरों ने परिजनों को बताया था कि यह एक ऐसे मच्छर ने काटा है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं है
लेकिन फिर भी टीएचडीसी के द्वारा टिहरी झील की साफ सफाई नहीं की गई प्रतापनगर के ग्रामीणों ने टीएसडीसी को चेतावनी दी है कि अगर जल्दी ही टिहरी झील की साफ सफाई नहीं की गई तो टीएचडीसी के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा