आपको बता दें कि 42 किलोमीटर तक फैली टिहरी बांध की झील के ऊपर बना डोबरा चांठी पुल प्रतापनगर को जोड़ने के लिए बनाया गया है यह पुल 300 करोड़ की लागत से 14 साल में बनकर तैयार हुआ ,जो भी पर्यटक अब उत्तराखंड में आते हैं वह टिहरी झील के ऊपर बने डोबरा चांठी पुल को देखने जरूर पहुंचता है और जो पर्यटक डोबरा चांठी पुल पहुंचता है वह यह आकर गदगद हो जाता है डोबरा चांठी पुल पर लगी फसाड लाइट को देखकर पर्यटक आकर्षित हो जाते हैं
पिछले समय कोरना काल के कारण डोबरा चांठी पुल पर फसाड लाइटों को बंद किया गया था लेकिन जैसे ही कोविड काम हुआ है तो डोबरा चांठी पुल पर भी फसाड लाइट जलने शुरू हो गई है इसे हर रात 7 बजे से 8:30 बजे तक जलाई जाती है जिसे देखने के लिए हजारों की तादाद में यहां पर्यटक पहुंचते हैं यहां पर पर्यटकों के पहुंचने से स्थानीय बेरोजगारों के द्वारा लगाई गई छोटी-छोटी दुकानें से रोजगार भी मिल रहा है
डोबरा चांठी पुल पर फसाड लाइट को देखने के लिए दिल्ली राजस्थान पंजाब देहरादून उत्तर प्रदेश हरियाणा आदि जगहो से यहां पर्यटक पहुंच रहे हैं
क्योंकि यह डोबरा चांठी पुल अब उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध पर्यटक बन चुका है इसे देखने के लिए हजारों पर्यटको की भीड़ लगी रहती है
यहां पहुंचने के लिए आपको ऋषिकेश चंबा नई टिहरी जाख होते हुए डोबरा पहुंचना पड़ता है
कई पर्यटक देहरादून मसूरी धनोल्टी चंबा जाख होते हुए डोबरा भी पहुंचते हैं,