टिहरी मुख्य शिक्षा अधिकारी पर उठे सवाल,स्कूल पर नही की कार्यवाही,अपर शिक्षा निदेशक ने सीईओ से की रिपोर्ट तलब ।

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नई टिहरी में कान्वेंट स्कूल के रि- एडमिशन फीस लेने के मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी ने दो महीने बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके बाद अब अपर शिक्षा निदेशक ने सीईओ को पत्र भेजकर स्कूल के रि एडमिशन फीस लेने के मामले में रिपोर्ट तलब करवाने को कह है साथ ही फटकार लगाते हुए कहा जी अभी तक स्कूल के खिलाफ कोई कार्यवाही नही करने पर नाराजगी व्यक्त की,

मामला बीते मार्च माह में नई टिहरी निवासी ज्योति डोभाल ने मुख्य शिक्षा अधिकारी ललित मोहन चमोला और जिलाधिकारी को पत्र भेजकर शिकायत की थी कि नई टिहरी के ऑल सेंट कान्वेंट स्कूल प्रबंधन रि एडमिशन फीस ले रहा है। क्लास केजी से फस्ट क्लास में एडमिशन के लिए भी रि एडमिशन फीस ली जा रही है और अन्य कक्षाओं में भी रि एडमिशन फीस ली जा रही है। जबकि एडमिशन फीस स्कूल में आने वाने नये छात्रों से ही लेने का नियम है।

इस मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी ललित मोहन चमोला ने जांच के आदेश दिये लेकिन दो माह बाद भी रि एडमिशन फीस लेने के मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब शिकायत कर्ता ने अपर शिक्षा निदेशक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई तो 28 अप्रैल को अपर शिक्षा निदेशक महावीर बिष्ट ने मुख्य शिक्षा अधिकारी ललित मोहन चमोला को पत्र भेजकर रि एडमिशन फीस लेने के मामले में पूरी जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। पत्र में लिखा है कि प्रति वर्ष क्यों एडमिशन फीस ली जा रही है। सरकार के नियम स्कूल प्रबंधन क्यों नहीं मान रहा है। अगर सरकार के नियम नहीं माने जा रहे हैं तो स्कूल की मान्यता भी निरस्त की जा सकती है। मुख्य शिक्षा अधिकारी ललित मोहन चमोला का इस मामले में कहना है कि उन्होंने जांच पूरी कर जिलाधिकारी को दे दी है। साथ ही ऑल सेंट कॉन्वेंट स्कूल नई टिहरी के एक परिसर में दो संस्थाओं के स्कूल संचालित किये जा रहे हैं। स्कूल के प्रबंधक फादर फ्रांसिस ने बताया कि दो संस्थाओं के स्कूल चल रहे हैं। जिस कारण केजी के छात्र जब कॉन्वेंट स्कूल में एडमिशन लेंगे तो उनसे नये एडमिशन की फीस ली जा रही है।

आश्चर्य की बात है कि अभी तक मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूल के खिलाफ लापरवाही का मामला सामने आया सामने आने के बाद भी अभी तक कार्रवाई नहीं की गई जिससे कहीं ना कहीं मिलीभगत होने का अंदेशा सामने आया है जबकि सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि कि कोई भी निजी स्कूल सरकार के नियमों का पालन नहीं करता है तो उन की मान्यता रद्द कर दी जाए

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