मत्स्य पालन के टैंक से नही मिला लाभ,20 लाख ख़र्च होने के बाद भी अधिकारी मौन,

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टिहरी जिले के घनसाली में सरकारी धन को किस कदर ठिकाने लगाना है अगर यह देखना है तो विकास खंड भिलंगना के दुरस्त गांव सीतकोट में बने लाखो रुपए के मत्स्य पालन टैंक कि स्थिति को देख कर लगाया जा सकता है जहा पर लाखो रुपए खर्च होने बावजूद भी टैंक सफेद हाथी साबित हो रहा हैं। वर्षों पूर्व बने लाखो रुपए की लगता से इस टैंक से कोई लाभ नहीं मिल पाया है।
विकास खंड भिलंगना के सीता कोट गदेरे में मत्स्य पालन विभाग की तरफ से क्षेत्र की प्रगतिशील समिति को इस के निर्माण का जिम्मा सौंपा था लेकिन समिति ने भी सरकारी धन को ठीकाने लगाने की नियत से सीटकोट गांव के पास ग देरे में मत्स्य पालन विभाग की सहायता से वर्ष 2017-2018 में 20 लाख रूपए खर्च कर टेक का निर्माण किया था।लेकिन विभाग कि लापरवाही के कारण उक्त टैंक का पांच वर्ष बाद भी कोई लाभ नहीं मिल पाया है। और न ही समिति ने उस के रखरखाव की जवाबदेही समझी है जिस से आज उक्त जगह पर बने मछली टैंक से कोई लाभ नहीं मिल पा रहा हैं और लाखो की लागत से बना यह टैंक अब कार्यदाई संस्था और विभाग कि लापरवाही के कारण सफेद हाथी साबित हो रहा हैं।

जिला मत्स्य अधिकारी गरिमा मिश्रा का कहना है कि यह टैंक पिछले पांच साल से बना हुआ है कुछ तकनीकी खामियों ओर ददेरे पानी की कमी के चलते उस से मछली पालन नहीं हो पाया है जल्दी ही उसे में मछली के बीज डाले जाएंगे।

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