टिहरी जिले के घनसाली थाने में पुलिस अभिरक्षा में केपार्स गांव के एक ग्रामीण की मौत के मामले में सीजेएम विनोद कुमार बर्मन की अदालत ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर घनसाली के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित चार पुलिसकर्मियों, दो होमगार्ड के खिलाफ ट्रायल चलाने और जिला अस्पताल के तीन डॉक्टर के खिलाफ समन जारी करने के आदेश दिये हैं।
अधिवक्ता बीना सजवाण ने बताया कि 21 मई 2011 को भिलंगना ब्लॉक के केपार्स गांव निवासी मोर सिंह पुत्र संसार सिंह ने कोतवाली नई टिहरी में तहरीर देकर बताया कि उसका भाई सरोप सिंह चमियाला बाजार में सामान लेने गया था। इस दौरान बाजार में एक महिला के साथ उनके भाई की बहस हो गई। जिसपर महिला ने उनके भाई को थप्पड़ मार दिया। इस बीच वहां मौजूद होमगार्ड जवानों ने उसके भाई को लाठी-डंडों से पीटा और चमियाला पुलिस चौकी लेकर गये। पुलिस चौकी में भी पुलिसकर्मियों ने उसके भाई सरोप सिंह के साथ मारपीट की। उसके बाद पुलिस उनके भाई को घनसाली थाना लेकर गये। जहां सायं को उसके भाई सरोप सिंह की मौत हो गई। उसके बाद पुलिसकर्मी उनके भाई को तबीयत खराब का बहाना बनाकर पिलखी स्वास्थ्य केंद्र ले गये जहां डाक्टरों ने उनके भाई को मृत घोषित कर दिया। लेकिन घनसाली थाना पुलिस ने उनके भाई को 108 एंबुलेंस सेवा से जिला अस्पताल बौराड़ी भेज दिया।
इस मामले में मृतक सरोप सिंह के परिजनों के विरोध के बाद 22 मई 2011 को नई टिहरी कोतवाली में पुलिसकर्मियों और होमगार्ड जवानों के खिलाफ धारा 302 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में जिला अस्पताल के डाक्टरों ने मृतक के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी और फोटाग्राफी भी नहीं कराई और मौत का स्पष्ट कारण भी नहीं लिखा गया। यही नही पुलिस ने 2016 में इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। जिसके बाद मृतक के परिजन कोर्ट गये।
इस मामले में सुनवाई के बाद सीजेएम विनोद कुमार बर्मन ने घनसाली के तत्कालीन थानाध्यक्ष कमल कुमार लुंठी, एसआई सुरेंद्र चौधरी, हेड कांस्टेबल जय सिंह रावत, कांस्टेबल प्रदीप गिरी, उम्मेद सिंह असवाल, होमगार्ड चैतलाल, शिवचरण के विरुद्ध आईपीसी की धारा 304 के तहत ट्रायल शुरू करने के आदेश दिये।
न्यायालय ने पोस्टमार्टम करने वाले जिला चिकित्सालय बौराड़ी के तत्कालीन चिकित्सक डा. संजय कर्णवाल, डा. संजय कंसल, डा. मनोज कुमार बडोनी के विरूद्ध भी आईपीसी की धारा 201 के तहत समन जारी कर केस चलाने के आदेश दिए हैं। यह भी बता दें कि डॉ संजय कर्णवाल की मौत हो चुकी है।