ठंड में पुनर्वास कार्यालय के बाहर 2 महीने विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठी महिलाओं में से एक कि तबियत बिगड़ी,

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42 वर्ग किलोमीटर तक फैली एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील के कारण रौलाकोट और भलड़ियाना गांव के परिवारों की जमीन टिहरी झील में डूब गई,जिनका बदले अभी तक कुछ ग्रामीणो को कुछ नहीं मिला

जबकि रोलाकोट भलड़ियाना गाव के ग्रामीण की झील में डूबी जल जंगल जमीन के बदले विस्थापन की मांग कर रहे है,ओर विस्थापन की मांग को लेकर टिहरी जिला मुख्यालय के पुनर्वास विभाग के मुख्य दरवाजे पर 31 अक्टूबर 2022 से धरने पर बैठे हैं जिन्हें आज

लेकिन आश्चर्य की बात है उत्तराखंड में जहां महिलाओं के बारे में बड़ी-बड़ी बातें की कही जाती हैं कि उत्तराखंड में महिलाओं का सम्मान किया जा रहा है , टिहरी जिले के पुनर्वास कार्यालय के बाहर देखा जा सकता है कि किस तरह से उत्तराखंड की महिलाओं का सम्मान हो रहा है जो महिलाएं अपने हक के लिए 2 महीने से अपने विस्थापन की मांग को लेकर सर्दियों में रातदिन धरने पर बैठी है

जबकि पुनर्वास कार्यालय और टिहरी बांध परियोजना के द्वारा इन ग्रामीणों की जमीन टिहरी झील में डूबा दी गई परंतु इसके बदले इन ग्रामीणों को किसी भी तरह का कोई लाभ नहीं दिया गया

आज धरने पर बैठी एक महिला की तबियत खराब हो गई, लेकिन किसी ने इनकी सुध नहीं ली

ना तो जिला प्रशासन और ना ही टिहरी बांध परियोजना के किसी भी अधिकारी ने इन महिलाओं की सुध नहीं ली अब महिलाओं ने साफ-साफ जिला प्रशासन को और पुनर्वास विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दे दी है कि अगर जल्दी ही इनका विस्थापन नहीं किया गया तो यह महिलाएं ऐसा बड़ा कदम उठाएंगे जिनका शासन प्रशासन को उम्मीद नहीं थी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी पुनर्वास विभाग और जिला प्रशासन की रहेगी

मामला यह है कि टिहरी झील से प्रभावित रौलाकोट भलड़ियाना गाव के रौलाकोट के 111 परिवारो को लाभ दिया गया है लेकिन 20 परिवारों को छोड़ दिया वही भलड़ियाना गाव के 101 परिवारों को लाभ दिया गया है और 6 परिवारों को छोड़ दिया,

शासन प्रशासन और पुनर्वास बिभाग की गलत नीतियों के कारण इन छुटे परिवारों की ग्रामीण महिलाओं को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है

सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस मुद्दे को लेकर ना तो प्रताप नगर विधायक और ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया वही महिलाओं का कहना है कि 20 सालों से हम लोग अपने विस्थापन की मांग को लेकर बार-बार शासन प्रशासन के चक्कर लगाकर थक चुके हैं जब भी धरने पर बैठे हैं हर बार आश्वासन देकर धरना समाप्त करवा दिया जाता है और काम कुछ नहीं किया जाता है

इस मामले में पुनर्वास प्रभारी उप जिलाधिकारी अपूर्व सिंह ने कहा कि इस मामले को शासन को भेज दिया गया है जैसे ही शासन से निर्देश मिलेंगे उसी आधार पर इनके विस्थापन की कार्रवाई की जाएगी

 

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